हमारे सामान्य से जीवन में कुछ रोग ऐसे होते हैं। जो कभी भी किसी को अचानक हो सकते हैं। साथ ही यह रोग हमारे गलत खानपान और हमारे गलत आदतों की वजह से भी होते हैं। स्कर्वी रोग उन्हीं में से एक है। अगर खाने में पर्याप्त विटामिन सी युक्त आहार ना हो तो व्यक्ति स्कर्वी रोग का शिकार हो जाता है। इसलिए हमें इस रोग से बचने के लिए सावधानियां और उपचार करने की जरूरत होती है। आज हम आपको इस आर्टिकल में स्कर्वी रोग के बारे में पूरी जानकारी देंगे।
क्या होता है स्कर्वी रोग (Scurvy Kya hota hai)
स्कर्वी मानव शरीर में विटामिन सी की कमी से होता है। यह एनीमिया, डिबिलिटी, थकावट सहज रक्त स्राव अंगों में दर्द ,शरीर के कुछ हिस्सों में विशेष रूप से पैर में सूजन और कभी-कभी मसूड़ों तथा दांत में नुकसान के कारण होता है। विटामिन सी जिसका रासायनिक नाम एस्कोरबिक एसिड है एक आवश्यक पोषक तत्व है। जिसे आहार से प्राप्त किया जाता है। यह शारीरिक संरचना और प्रतिक्रियाओं के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ज्यादातर लोग समझते हैं कि यह रोग पहले के समय होता था। दरअसल एक शताब्दी पहले समुद्री यात्रा करने वाले नाविक इस बीमारी के ज्यादा शिकार होते थे। लोगों का मानना है। आज के वक्त में यह दुर्लभ समस्या बन गई है। लेकिन आपको बता दें कि जिस किसी भी व्यक्ति के आहार में विटामिन सी की पर्याप्त मात्रा नहीं होती है। उसे इस बीमारी से जूझना पड़ता है।
स्कर्वी रोग के लक्षण क्या है
स्कर्वी रोग के शुरुआती लक्षण इस प्रकार दिखाई देते हैं
- अस्वास्थ्य होना
- अच्छा महसूस ना करना
- थकान होना
- भूखी की कमी होना
- जी मचलना
- दस्त की शिकायत होना
- बुखार आना
- जोड़ और मांसपेशियों में दर्द होना
- त्वचा में दिखाई देने वाले रोम छिद्रों में हल्का हल्का खून निकलना
स्कर्वी रोग में देरी से दिखाई देने वाले लक्षण
- मसूड़ों में सूजन और खून निकलना
- दांतों का कमजोर होना
- आंखों में सूजन होना
- आंखें उभर आना
- त्वचा में जल्दी खून आना
- पपड़ीदार और शुष्क त्वचा होना
- जोड़ों और मांसपेशियों में रक्तस्राव होना
- हड्डियों के जोड़ों में दर्द होना
- शिशु और बच्चों में हड्डियों का विकास ना होना
स्कर्वी रोग के कारण और जोखिम क्या है
आपको बता दें कि मुख्य रूप से स्कर्वी रोगआहार में विटामिन सी की कमी के कारण होने वाली बीमारी है। इसके कुछ अन्य जोखिम कारण भी हो सकते हैं जो इस प्रकार है।
- शराब वा नशीले पदार्थों का सेवन करना
- पौष्टिक आहार ना लेना
- ईटिंग डिसऑर्डर यानी खाने से जुड़े विकार जैसे एनोरेक्सिया नर्वोसा या बुलिमिया होना।
- एक बार में अत्यधिक आहार लेना।
- मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी किसी तरह की समस्या जैसे अवसाद होना।
- किसी गंभीर बीमारी के लिए उपचार के कारण जैसे कीमो थेरेपी इसमें मतलिन्य भूख की कमी जैसे साइड इफेक्ट देखने को मिलते हैं इसके फलस्वरूप व्यक्ति की डाइट में बदलाव हो सकता है ।
- स्कर्वी रोग के कारण में क्रोहन रोग या अल्सरेटिव कोलाइटिस भी शामिल होता है पाचन तंत्र में सूजन का कारण बनता है।
स्कर्वी रोग की जटिलताएं क्या है
- गंभीर जौनिस जो त्वचा और आंखों में पीलापन होता है।
- सम्मान दर्द कोमलता और सूजन होना।
- हिमोलाइसिस एक प्रकार का निमिया जहां लाल रक्त कोशिका टूटती है।
- बुखार आना
- दांतों में दर्द और कमी
- आंतरिक रक्त स्राव
- न्यूरोपैथी निचले अंग तथा हाथ , पैर में दर्द होना।
- अंग विफलता
- प्रलाप
- बेहोशी
- मौत
बहुत कम उम्र उम्र 65 वर्ष से अधिक उम्र वाले व्यक्तियों में विटामिन सी से समृद्ध आहार के सेवन की कमी
- अवैध दवाओं के उपयोग करने से।
- लंबे समय तक दस्त आने से।
- निर्जलीकरण से ।
- डायलिसिस और गुर्दे की विफलता की स्थिति में।
स्कर्वी रोग का इलाज क्या है।
स्कर्वी विटामिन सी की कमी होने वाला रोग है । ऐसे में अगर उपचार की अगर बात की जाए तो यह बहुत आसान है। इस रोग के उपचार से जुड़ी जानकारी निम्न है।
विटामिन सी युक्त डाइट
अगर किसी व्यक्ति में इस गर्मी के समान लक्षण दिख रहे हैं। तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं । डॉक्टर आपको विटामिन सी से जुड़े खाद्य पदार्थों को डाइट में शामिल करने की सलाह देते हैं।
विटामिन सी सप्लीमेंट
अगर किसी व्यक्ति में स्कर्वी रोग के लक्षण गंभीर हो रहे हैं। तो डॉक्टर मरीज को विटामिन सी का सप्लीमेंट्री लेने सलाह दे सकते हैं। सामान्य तौर पर स्कर्वी के लक्षण से राहत पाने के लिए डॉक्टर दिन कम से कम 250 मिलीग्राम विटामिन सी सप्लीमेंट देने का सुझाव देते हैं। ध्यान रहे विटामिन सी सप्लीमेंट के फायदे और नुकसान दोनो हो सकते है।
लक्षणों के आधार पर इलाज
एनीमिया की समस्या यानी खून की कमी स्कर्वी के लक्षणों में से एक है। ऐसे में अगर किसी को स्कर्वी के साथ खून की कमी से परेशानी होती तो डॉक्टर डाइट में बदलाव, एनीमिया की दवा और विटामिन सी सप्लीमेंट्री में बदलाव कर सकते है।
आदतों के आधार पर इलाज
कुछ व्यक्ति की आदत होती है। जैसे धूम्रपान शराब का सेवन , कम खाना भी स्कर्वी का जोखिम कारक है। ऐसे में इन आदतों से बचना चाहिए। ऐसे में आपको जीवनशैली में बदलाव की सलाह दी जाती है।
स्कर्वी रोग से बचाव क्या है
स्कर्वी रोग से बचाव निम्न तरीको से किया जा सकता है।
- विटामिन सी युक्त पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
- शिशुओं के लिए मां का दूध अमृत से कम नहीं होता। शिशु में इस रोग के जोखिम को कम करने के लिए ब्रेस्ट मिल्क बहुत उपयोगी है। दरअसल मां का दूध विटामिन सी से समृद्ध होता है।
- धूम्रपान और शराब के सेवन से दूर रहें।
- अपने आहार में फोर्टीफाइड को शामिल करें।
- पाचन क्रिया को सही रखने की कोशिश करें।
- नियमित योगासन और व्यायाम करते रहें।
स्कर्वी रोग होने पर क्या खाना चाहिए
किसी भी रोग में खानपान का बहुत महत्व होता है। इसलिए स्कर्वी रोग होने पर क्या खाना चाहिए क्या नही निम्न बातों पर ध्यान दें।
- हरी मिर्च में विटामिन सी की उच्च मात्रा होती ह। हरी मिर्च खाने स्कर्वी रोग से बचने का सबसे आसान उपाय है।
- कीवी को सलाद के रूप में आहार में प्रयोग कर विटामिन सी की भरपाई पूरी की जाती है।
- आंवले में विटामिन सी होता है। आंवला की सूखी कैंडी आंवला का रस पीसकर पीने से फायदा होता है।
- खाना खाने से पहले रोज एक छोटा चम्मच अमचूर खाने से शरीर में विटामिन सी की कमी पूरा होता है।
- स्ट्रॉबेरी विटामिन सी का उच्च स्त्रोत है। स्ट्रॉबेरी को सलाद में शामिल करना चाहिए।
- स्कर्वी के इलाज में पपीता बेहद प्रभावी फल है। स्कर्वी होने पर रोज पपीता खाने से विटामिन सी की कमी पूरी होती है।
धनिया की तरह पार्सले में विटामिन सी की मात्रा होती है। जो स्कर्वी उपचार के लिए फायदेमंद है। - शिमला मिर्च में विटामिन सी की मात्रा होती है। पीली शिमला मिर्च में अधिक विटामिन सी की मात्रा होती है।
- रोजाना लगभग सौ ग्राम ब्रोकली खानी चाहिए।
- बेलफल में साइट्रिक एसिड और ऑक्जेलिक की उच्च मात्रा होती है। बेल फल का शरबत बनाकर या इसका गूदा निकालकर खाने से विटामिन से कम पूरी होती है।
- स्कर्वी रोग से बचने के लिए संतरा बहुत उपयोगी है। संतरे का सेवन जरूर करें।
- कीवी ,फ्रूट ,चकोतरा, स्ट्रॉबेरी और नींबू का सेवन स्कर्वी रोग से बचाव में अधिक मददगार है।
- फलों के साथ हरी सब्जियों को शामिल करने का अच्छा विकल्प होता है वैसे पालक ,आलू ,फूलगोभी ,पत्तागोभी जैसे आहार को अपने खाने में शामिल करें।
- स्कर्वी रोग में जंक फूड नही खाना चाहिए।
- धूम्रपान , सिगरेट और अन्य तरह के नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।
- ओवर कुक्ड ज्यादा पका हुआ भोजन नही करना चाहिए।
- अधिक तेल मसाले वाले भोजन से बचें।
विटामिन सी की कमी से कौन से रोग होते है।
विटामिन सी की कमी से होने वाले रोग निम्न है।
- विटामिन सी की कमी से स्कर्वी रोग होता है इस प्रकार के रोग में विश्वास वैसे हड्डियों और जोड़ों पर प्रभाव डालता है इसमें दांतो मे भी दर्द होता है। साथ ही दांतो की चमक चली आती है। और दांत कमजोर हो जाते हैं।
- व्यक्ति का प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर हो जाता है। यदि शरीर में विटामिन सी कमी हो जाए तो व्यक्ति के प्रतिरक्षा तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने लगता है। हमारा शरीर इन्फेक्शन और रोगों से बहुत आसानी से घिर जाता है।
- शरीर में विटामिन सी की कमी होने से बाल तेजी से गिरने शुरू हो जाते हैं। इतने ही नहीं बालों की चमक और निखार भी खो देते हैं डैंड्रफ की समस्या होने लगती है।
- शरीर में विटामिन सी की कमी होने से एनीमिया का खतरा बढ़ जाता है। शरीर में आयरन कम होने लगता है। इसके साथ ही रेड ब्लड सेल्स का उत्पादन कम हो जाता है।
- विटामिन से न सिर्फ हमारे प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करता है बल्कि यह शरीर में किसी प्रकार के फ्री रेडिकल्स को कंट्रोल करता है। जब शरीर में फ्री रेडिकल्स बनते हैं तो शरीर ऐसे में कोशिकाएं डैमेज हो जाती है।
- जिन लोगों में विटामिन सी की कमी होती है। उनमें अस्थमा जैसे लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं। जो व्यक्ति के लिए घातक संकेत होते है।
निष्कर्ष
स्कर्वी कोई गंभीर और लाइलाज बीमारी नहीं है। इसके लक्षण दिखने पर आप इसका घरेलू इलाज कर सकते है। अगर समस्या ज्यादा है तो डॉक्टर से परामर्श कर सकते है। हमने आपको आर्टिकल में इस रोग से जुड़ी पूरी जानकारी दी है। उम्मीद है। आपको पसंद आई होगी।