जिंदगी में पैसा कमाना हर किसी की चाहत होती है। दैनिक कार्यों के खर्चों को पूरा करने के लिए या फिर भविष्य निधि के लिए पैसा कमाना सब की पहली प्राथमिकता है। कुछ लोग सिर्फ इसलिए पैसा कमाते हैं कि उनका पैसा बैंक से मिलने वाले ब्याज पर जीवन यापन हो से। जिससे महीने का खर्च भी चलता रहे । वहीं कुछ लोग अपनी जमा पूंजी को एक जगह ऐसी जगह निवेश करते हैं। जहां पैसा सुरक्षित होने के साथ-साथ भविष्य के लिए अच्छी कमाई और अमीर बनने का जरिया बने। आज हम आपको अमीर बनने से जुड़ी एक योजना के बारे में बता दें है। जिसे Mutual Fund कहते हैं। आपको हम म्यूचुअल फंड के बारे में पूरी जानकारी देंगे।

Mutual Fund क्या है

Mutual Fund एक ऐसा फंड है।जो एसेट मैनेजमेंट कंपनी ऑपरेट करती है। आप म्यूचुअल फंड अपना पैसा जमा कर सकते हैं। जमा की गई राशि से निवेशक अपना पैसा निकाल कर कभी भी बाजार में निवेश कर सकते है। म्यूचुअल फंड को एक प्राइवेट कंपनी ऐसेट मैनेजमेंट द्वारा चलाया जाता है। यह कंपनी निवेशक को सिर्फ एक ही नहीं बल्कि छोटी-बड़ी उनकी सहूलियत के हिसाब निवेश का मौका देती है। जैसी राशि वैसी वैसी स्कीम ।अगर आप इसमें निवेश करना चाहते हैं। तो अपने सलाहकार से बात करनी चाहिए। मैचुअल फंड एक सामूहिक निवेश है। इसमें कई लोग अपना पैसा निवेश करते हैं। और इस जमाधन से मेट्रो फंड कंपनी विभिन्न सिक्योरिटीज जैसे स्टॉक्स, बांड आदि में निवेश करती है। निवेश इस राशि के अनुसार निवेशकों को म्यूच्यूअल फंड का हिस्सा प्राप्त होता है इस हिस्से द्वारा निवेशक फंड में सभी कंपनियों के लाभ और हानि का भाग होता है।

Mutual Fund कितने प्रकार के होते हैं।

म्यूचुअल फंड निम्न प्रकार के होते हैं।

Asset Class के आधार पर Mutual Fund

इसके अंतर्गत Equity Mutual Fund, Debt Mutual fund , Hybrid Mutual fund ,Money market mutual fund आता है। जिसका विवरण इस प्रकार है।

Equity Mutual Fund

ये फंड निवेशकों से जुटाए गए पैसे को इक्विटी यानी विभिन्न कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं इस प्रकार के फंड में जोखिम बाकी प्रकारों की तुलना में अधिक होता है। पर लाभ इसमें ज्यादा मिलता है।

Debt Mutual Fund

यह फंड Dent investment जैसे Bond, securities, fixed income, ऐसेट कंपनी के डिवेंचर आदि में निवेश करते हैं। यह कम जोखिम वाले छोटे और नियमित रिटर्न वाले निवेशक होते हैं इक्विटी म्युचुअल फंड की तुलना में इसमें काम जोखिम होता है और लाभ भी।

Hybrid Mutual Fund

जैसा कि नाम से ही पता चलता है हाइब्रिड या बैलेंसड फंड इक्विटी और डेट इंस्ट्रूमेंट जैसे स्टॉक बांड आदि दोनों में निवेश करते हैं। इस फंड में इक्विटी फंड के गुण भी होते हैं। और डेट फंड के भी । यह उन निवेशकों के लिए उपयुक्त है जो डेट फंड की तुलना में बड़ा लाभ पाने के लिए अधिक जोखिम लेना चाहते हैं। पर इक्विटी फंड जितना जो कि नहीं उठा पाते हैं।

Money Marekt Mutual Fund

यह फंड लिक्विड इंस्ट्रूमेंट जैसे बांड t-bill ,डिपॉजिट सर्टिफिकेट आदि में निवेश करते हैं। इन फंडों से जुड़े जोखिम अपेक्षाकृत कम होते हैं। और 12 महीने से कम समय के लिए अल्पकालिक निवेश के लिए उपयुक्त होते हैं।

संरचना के आधार पर Mutual Fund

Open Ended Mutual Fund

इसके अंदर नया इन्वेस्टर बिना किसी रिस्क के आसानी से इन्वेस्ट कर सकता है। इस तरह के इन्वेस्टमेंट में निवेशकों को किसी भी समय पर फंड बेचने या खरीदने की अनुमति प्रदान की जाती है। इसमें फंड खरीदने या बेचने की निश्चित तिथि नहीं होती है।

Close Ended Mutual fund

इस तरह के फंड में एक निश्चित मैच्योरिटी पीरियड होता है। इसमें निवेशक फंड अवधि के दौरान ही खरीद सकते हैं।

Interval Mutual fund

यह ओपन और एंडेड फंड दोनों को साथ मिलाकर बनाया गया है। इसमें निवेशकों को पूर्व और निर्धारित अंतराल पर फंड में बिजनेस करने की अनुमति प्रदान करता है।

Asset Class के आधार पर म्युचूअल फंड के प्रकार

डेट फंड

यह एक risk-free इन्वेस्टमेंट है। यह फिर इनकम के लिए बेस्ट इन्वेस्टमेंट ऑप्शन माना जाता है। क्योंकि डेट फंड के अंतर्गत ज्यादातर गवर्नमेंट सिक्योरिटीज के अंदर इन्वेस्टमेंट होता है।

Liquid Mutual Fund

अगर आप थोड़े समय के लिए पैसा इन्वेस्ट करना चाहते हैं। तो आप लिक्विड फंड के अंदर इन्वेस्ट कर सकते हैं। यह आपको risk-free और सेफ इन्वेस्टमेंट का ऑप्शन देता है।

Equity Mutual fund

जो इन्वेस्टर लंबे समय तक के लिए इन्वेस्ट करना चाहते हैं। उनके लिए इक्विटी फंड बिल्कुल सही ऑप्शन है। इसमें लंबे समय तक पैसा रखने की वजह से अच्छा रिटर्न भी मिलता है।

Mutual Fund कैसे खरीदें

म्यूच्यूअल फंड आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से खरीद सकते हैं। निवेश करने से पहले आप पूरी तरह शोध करके यह सुनिश्चित करें कि आपको किस ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी की किस स्कीम में निवेश करना है। अलग-अलग तरह के मैचुअल फंड उनके निवेश का उद्देश्य पोर्टफोलियो भिन्न होता है। साथ ही पिछला प्रदर्शन भी जांच लें। हालांकि पिछला प्रदर्शन कभी इस बात की गारंटी नहीं हो सकता है कि भविष्य में भी यह स्कीम वैसे ही प्रदर्शन करेगी। जैसे पहले प्रदर्शन किया है। म्यूचुअल फंड में निवेश आप कई तरीकों से कर सकते हैं। आप जिस स्कीम में निवेश करना चाहते हैं। उस स्कीम से जुड़े फंड हाउस में जाकर ऑफलाइन तरीके से निवेश कर सकते हैं। इसके लिए आपको अपनी और स्कीम की पूरी जानकारी के साथ फॉर्म भरना होगा। और केवाईसी के साथ शर्ते पूरी करनी होगी। साथ ही चेक या डीडी के जरिए भुगतान भी करना होगा। अगर आप एसआईपी ले रहे हैं। तो आपको कैंसिल चेक देने होंगे l। अगर आप म्यूचुअल फंड ब्रोकर या डिस्ट्रीब्यूटर के ऑफिस पहुंचकर ऑफलाइन तरीके से निवेश करना चाहते है तो ठीक है। आप म्यूचुअल फंड खरीदने के लिए मोबाइल ऐप एजेंट के माध्यम या फिर ऐसेट मैनेजमेंट कंपनियों की वेबसाइट में जाकर आसानी से म्यूचुअल फंड पर निवेश कर सकते हैं।

कब करें Mutual Fund में निवेश

म्यूच्यूअल फंड स्कीम के रिटर्न पर नजर डालें तो निवेशकों को इसका असली फायदा लंबी अवधि में दिखता है। वही लंबी अवधि का नजरिया लेकर चलने के साथ आप बेहद छोटी रकम को बढ़ता हुआ भी देखते हैं। अगर आप 5paisa के म्युचुअल फंड कैलकुलेटर की मदद लेंगे तो आपको पता चलेगा कि लंबी कैसे लंबी अवधि में छोटी रकम बड़ी संपत में बदल जाती है। और इससे आपको कारोबार के समय पर निवेश के फायदे साफ दिखते हैं। बाजार के सभी जानकार मानते हैं कि म्यूचुअल फंड में इंश्योरेंस की तरह ही जितनी जल्दी हो निवेश की शुरुआत कर देनी चाहिए। दरअसल युवावस्था में खर्चे सीमित किए जा सकते हैं हालांकि जिम्मेदारी होने के साथ यह संभव नहीं होता है। अगर आपकी नई जॉब लगी है। तो आप सैलरी से मिठाई खरीदने के साथ आप कमाई का एक हिस्सा म्यूच्यूअल फंड में भी लगा सकते है। इससे आपको काफी फायदा साबित होगा।

Mutual Fund के क्या फायदे हैं

  • म्यूचुअल फंड में निवेश पर आपको यह सोचने की जरूरत नहीं है कि जिस कंपनी में आप निवेश कर रहे हैं। उसकी ग्रोथ क्या है यह काम फंड मैनेजर करता है।
  • म्यूचुअलफंड का एक बड़ा फायदा यह होता है कि आपके पैसे को अलग-अलग सेक्टर और ऐसे में निवेश करता है lमाना कि किसी सेक्टर जैसे बैंकिंग ऑटो सेक्टर में किसी कारणवश मंदी आ जाती है। तो आपका पैसा स्थाई रहता है।
  • मयूचुअल फंड में आप 500 या 1000 रुपए से भी निवेश की शुरुआत कर सकते हैं आप यह भी तय कर सकते हैं कि कितने अंतराल पर इसमें निवेश करेंगे सप्ताहिक मासिक और तिमाही सालाना आधार पर हो सकता है
  • इसमें भारतीय के साथ एनआरआई भी निवेश कर सकता है।
  • आप अपने बच्चे और जीवनसाथी के नाम पर निवेश कर सकते है।

Mutual Fund में निवेश की क्या है नुकसान

  • म्यूचुअल फंड में कुछ संभावित शुल्क है जैसे वैश्विक विकास शुल्क आदि जो समग्र रिटर्न को कम कर सकते हैं।
  • म्यूचुअल फंड में सफलता की कोई गारंटी नहीं होती है। म्यूचुअल फंड प्रदान करने वाली कंपनियां हमेशा अपने विज्ञापनों में मैं अस्वीकरण में निम्नलिखित का उल्लेख करते हैं
  • औसतन अधिकांश म्यूच्यूअल फंड बाजार के सूचकांकों को मात देने में सक्षम नहीं है।
  • फंड मैनेजर प्रतिभूतियों की खरीद और बिक्री के लिए जिम्मेदार होते हैं और पोर्टफोलियो के प्रबंधन में आपकी कोई भूमिका नहीं होती जब आप मुझे फंड में निवेश करते हैं तो आप अपने पैसे से किसी और पर भरोसा कर रहे होते हैं।

Share और Mutual Fund में क्या अंतर है

Mutual fund के यूनिट से में निवेश करना शेयरों में निवेश करने से अलग है। शेयरधारकों के अधिकारों में मतदान का अधिकार शामिल होता है। मगर इसके विपरीत म्युचुअल फंड अपने यूनिट धारकों को कोई मतदान का अधिकार नहीं देते। शेयर में निवेश करने के लिए किसी एक कंपनी का शेयर खरीदा जा सकता है। मगर म्यूच्यूअल फंड का एक यूनिट कई अलग-अलग शेयरों में निवेश का हिस्सा होता है। शेयर को बाजार के काम के घंटों में बेचा ,खरीदा जा सकता है। और बाजार के घंटों के दौरान इनकी कीमत में उतार-चढ़ाव होता है। लेकिन इनके एनएवी को प्रत्येक व्यापारिक दिन के अंत में किया जा सकता है। म्यूच्यूअल फंड यूनिट की कीमत को नेट एसेट वैल्यू प्रति यूनिट के रूप में जाना जाता है। म्यूच्यूअल फंड यूनिटों को आमतौर पर फंड के वर्तमान एनएवी पर खरीदा बेचा जा सकता है।

निष्कर्ष

समय के साथ पैसे को जमा करने और निवेश करने का तरीका बदला है। अब लोग सिर्फ बैंक से मिलने वाले ब्याज पर निर्भर नहीं रहना चाहते । बल्कि अमीर बनने के लिए निवेश करना चाहते है। और म्यूचुअल फंड ऐसा ही मौका देता है। हमने आपको आर्टिकल में म्यूचुअल फंड से जुड़ी पूरी जानकारी दी है। आप इसे अच्छी तरह समझें । उम्मीद है। बताई गई जानकारी से आप संतुष्ट होंगे।

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