Breast Cancer: ब्रेस्ट कैंसर के कारण ,लक्षण और उपचार

शरीर में अगर किसी भी प्रकार का कैंसर (brest cancer in hindi) होता है। तो बहुत हीजानलेवा होता है। शरीर में अन्य प्रकार के भी कैंसर होते हैं । और इन सभी कैंसर के लक्षण और कारण अलग-अलग होते हैं। इन्हीं में से एक है महिलाओं में होने वाला ब्रेस्ट कैंसर। भारत में हर साल 10 महिला में से एक महिला ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित होती है। इसमें कई महिलाएं बच जाती है तो कइयों को अपनी जान गवानी पड़ती है। यह बीमारी दिन में दिन बहुत तेजी से महिलाओं में फैल रही है। आज हम आपको इस लेख में ब्रेस्ट कैंसर से जुड़ी पूरी जानकारी देंगे। ब्रेस्ट कैंसर क्या होता है क्यों होता है। कारण ,लक्षण और उपचार संबंधी विस्तृत जानकारी

क्या होता है ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer in Hindi)

महिलाओं में स्तन शरीर का एक अहम अंग है। स्तन का कार्य अपने टिशू से दूध बनाना होता है। यह टिशू सूक्ष्म वाहिनी द्वारा निप्पल से जुड़े होते हैं। जब ब्रेस्ट कैंसर वाहिनियों में छोटे सख्त करने लगते है। या स्तन में टिशू में छोटी गांठ बनने लगती है। तब स्तन में कैंसर बनने लगता है। आइए इसे और आसान भाषा में समझते हैं। Breast cancer एक प्रकार का कैंसर है। जो स्तन में शुरू होता है। स्तन कैंसर तब शुरू होता है। जब कोशिकाएं नियंत्रण से बाहर होने लगती है। ज्यादातर मामलों में स्तन कैंसर कोशिकाएं एक ट्यूमर बनाती है। जिसे अक्सर एक गांठ के रूप में महसूस किया जाता है। इसे सिर्फ एक्सरे द्वारा ही देखा जा सकता है। स्तन कैंसर लगभग पूरी तरह से महिलाओं में होता है। लेकिन दुर्लभ मामलों में यह पुरुषों में भी होता है। अधिकांश स्तन गांठ कैंसर नहीं होती है। गैर कैंसर वाले स्तन ट्यूमर सिर्फ असामान्य वृद्धि हैं। जो स्तन के बाहर नहीं फैलते। हालांकि गैर कैंसर वाले ट्यूमर जीवन के लिए खतरा नहीं है। लेकिन कुछ प्रकारों से महिलाओं को स्तन कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।

स्तन कैंसर होने के क्या कारण है (Causes of Breast Cancer)

स्तन कैंसर कैसे होता है। इसका सटीक कारण अभी स्पष्ट नहीं है। लेकिन कुछ जोखिम कारक इसकी अधिक संभावना बनाते हैं। जो इस प्रकार हैं।

उम्र

स्तन कैंसर का खतरा उम्र के साथ बढ़ता जाता है। अधिक उम्र की महिलाएं जब मां बनती है। तो स्तन कैंसर होने का खतरा होता है।

एडिशन के संपर्क में आने

अगर बचपन में या युवावस्था में आपके चेस्ट का रेडिएशन ट्रीटमेंट हुआ है। तो आपको भविष्य में ब्रेस्ट कैंसर का अधिक खतरा बढ़ जाएगा।

मोटापा

मोटापे की वजह से स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। स्तन अधिक मोटे होने से गांठ बनने लगती है।

कम उम्र में मासिक धर्म

अगर किसी लड़की को 12 वर्ष से कम उम्र में ही मासिक धर्म की शुरुआत हो गई है। तो भविष्य में उसमें ब्रेस्ट कैंसर का खतरा दिखाई देगा।

रजोनिवृत्ति

अगर किसी महिला में सही उम्र से पहले ही रजोनिवृत्ति या मोनोपोज हो गया है। तो उस महिला में भी ब्रेस्ट कैंसर खतरा दिख जाता है।

अधिक उम्र में मां बनना

अगर आपका पहला बच्चा आपकी 30 वर्ष से अधिक में हो रहा है। तो आप को स्तन कैंसर का खतरा होगा।

लंबे समय तक गर्भवती ना होना

जो महिलाएं कभी गर्भवती नहीं होती उन्हे स्तन कैंसर का खतरा अधिक बढ़ जाता है। अगर कोई महिला मोनोपॉज के बाद हार्मोन थेरेपी लेकर मोनोपॉज के लक्षणों का इलाज करवाती है। तो उसमें स्तन कैंसर का खतरा अधिक होता है।

घने स्तन ऊतक

अधिक घने स्तनों वाली महिलाओं को अधिक सतर्क रहना चाहिए। क्योंकि वह स्तन कैंसर का निदान प्राप्त करने के लिए अधिक संभावना रखती है।

हार्मोन उपचार

एक अध्ययन के अनुसार अधिक गर्भनिरोधक लेने से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा थोड़ा बढ़ जाता है। इसलिए किसी भी प्रकार की गर्भनिरोधक गोली खाने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।

बेस्ट कैंसर के लक्षण क्या है

  • स्तन या बाहों के नीचे गांठ होना
  • लगातार दूध रिसना
  • स्तन के आकार में बदलाव होना जैसे ऊंचा टेढ़ा मेरा होना
  • निप्पल का रंग लाल हो जाना
  • स्तन से खून आना
  • स्तन की त्वचा में ठोसपन हो जाना
  • स्तन के निप्पल में जलन ,लकीरे ,सिकुड़न होना
  • स्तन का कोई भाग दूसरे के हिस्से से अलग दिखना
  • स्तन के नीचे ठोस होना
  • निप्पल का लगातार उम्र के साथ छोटा होना
  • स्तन की गोलाई कम होना

ब्रेस्ट कैंसर कितने स्टेज का होता है (Stages of Breast Cancer)

बेस्ट कैंसर कई स्टेज तक हो सकता है।

शून्य स्टेज

दूध बनाने वाली कोशिकाओं में बना कैंसर सीमित रहता है और शरीर के दूसरे हिस्सों तक नहीं जाता।

स्टेज वन

इस स्टेज में कैंसर वाली कोशिकाएं धीरे-धीरे बढ़ने लगती है। और यह शरीर के बाकी हेल्थी कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देती है ।यह स्तन में मौजूद वसा वाली कोशिकाओं तक फैल सकती है।

स्टेज 2

कैंसर का इस श्रेणी में आकार बहुत तेजी से बढ़ना शुरू हो जाता है। और शरीर के बाकी भागों में फैल जाता है और पूरे शरीर पर पकड़ बना लेता है।

स्टेज 3

इस श्रेणी में आने तक कैंसर मानव की हड्डियों में पहुंचकर उन्हें प्रभावित करना शुरू कर देता है। इस बीच कॉलर बोन में इसका छोटा हिस्सा फैल चुका होता है। जो इलाज को कठिन बनाता है।

स्टेट 4

इस श्रेणी में आकर कैंसर लगभग लाइलाज हो जाता है। क्योंकि चौथी श्रेणी में आते-आते कैंसर लीवर , फेफड़े, हड्डियों और दिमाग तक पहुंच जाता है। जो तमाम प्रकार की कोशिकाओं को नष्ट करने लगता है। इससे रक्त वाहिकाएं पूरी तरह से नष्ट हो जाती है। जिससे व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है।

ब्रेस्ट कैंसर की जांच कैसे होती

ब्रेस्ट कैंसर की पहचान के लिए आपकी कई तरह की जांच करते हैं। जो निम्न प्रकार हैं।

मैमोग्राम

यह एक इमेजिंग टेस्ट है। इसमें 40 उम्र से ऊपर की महिलाओं को स्तन कैंसर की अनुवांशिक प्रवृत्ति होने पर मैमोग्राम टेस्ट कराने की सिफारिश की जाती है।

अल्ट्रासाउंड

इस इमेजिंग परीक्षण से आप के डॉक्टर को यह समझने के आसानी मिलती है कि आप को ब्रेस्ट कैंसर है या नहीं।

बायोप्सी

यदि कोई मैमोग्राफी अल्ट्रासाउंड स्तन कैंसर को नियंत्रित नहीं करता तो आपका डॉक्टर बायोप्सी का सुझाव देता है। इस परीक्षण से ऊतक के नमूनों को स्तन कैंसर का पता लगाने में प्रयोगशाला में भेजा जाता है। इन नमूनों को सूई या चीरा लगाकर एकत्र किया जाता है। आपको बता दें कि स्तन कैंसर की जांच के लिए चार प्रकार की बायोप्सी की जाती है

  1. एक्सिशनल बायोप्सी : इसमें टिशू की एक पूरी गांठ को हटाया जाता है

2. इंसिशनल बायोप्सी : इसमें टिशू की गांठ या इसके 1 नमूने को हटाया जाता है।

3. कोर बायोप्सी : इसमें एक व्हाइट नीडल का उपयोग करके टिशु को हटाया जाता है।

4. फाइन नीडल बायोप्सी : एक पतली सुई का उपयोग करके टिशू या तरल पदार्थ को निकाला जाता है।

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ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम कारक क्या है

  • स्तन कैंसर के अधिकांश मामले 55 वर्ष से ऊपर की महिलाओं में देखे जाते हैं।
  • स्तन कैंसर अधिकतर 25 वर्ष की महिलाओं का होता है। हालांकि यह पुरुषों में भी हो सकता है लेकिन पुरुषों में स्तन कैंसर दुर्लभ है।
  • मासिक धर्म की जल्दी शुरुआत के कारण स्तन कैंसर की संभावना बढ़ जाती है।
  • 35 साल की उम्र के बाद बच्चे को जन्म देना स्तन कैंसर का जोखिम कारक है।
  • रजोनिवृत्ति हार्मोन थेरेपी के बाद ली जाने वाली एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन दवाएं भी स्तन कैंसर को बढ़ा सकती हैं।
  • 55 वर्ष की आयु के रजोनिवृत्ति होना भी कैंसर का खतरा पैदा करती है।
  • अधिक मात्रा में धूम्रपान ,शराब पीना ,परिवारिक इतिहास , बदलती लाइफस्टाइल ब्रेस्ट कैंसर का कारण बनती है।

ब्रेस्ट कैंसर का बचाव किया है

  • वजन को कंट्रोल कर ब्रेस्ट कैंसर से बचा जा सकता है 30 से 35 वर्ष की महिलाओं को अपने वजन को संतुलित रखना चाहिए।
  • धूम्रपान शराब आदि से परहेज करें क्योंकि इससे स्तन कैंसर होने का खतरा बढ़ता है।
  • नियमित एक्सरसाइज फिजिकल एक्टिविटी कर स्तन कैंसर को कंट्रोल किया जा सकता है। कोशिश करें की दिन में सुबह से शाम एक्सरसाइज करें।
  • अपने लाइफ स्टाइल में योग, मेडिटेशन को प्राथमिकता दें योग और मेडिटेशन करें क्योंकि इससे ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम किया जा सकता है।
  • अपने डाइट में को संतुलित रखें ,अपने खाने पर ज्यादा फल और सब्जियों का उपयोग करें।
  • दिन में कम से कम 3 से 4 लीटर पानी पिए।

कैंसर का इलाज क्या है

  • ब्रेस्ट कैंसर के लिए सर्जरी आवश्यक होती है सर्जरी करवाना या न करवाना डायनोसिस के प्रकार पर निर्भर करता है।
  • विकिरण थेरेपी ब्रेस्ट कैंसर के लिए कारगर है। रोगी रेडिएशन थेरेपी करवा सकते हैं। रेडिएशन के नियंत्रित खुराकें ट्यूमर पर वार करती हैं और शेष कैंसर कोशिकाओं को मारने में काम करती है।
  • अगर कैंसर के वापस आने का जोखिम अधिक महसूस होता है तो कीमोथेरेपी कराई जाती है कीमोथेरेपी ट्यूमर को छोटा करने के लिए की जाती है।
  • हार्मोन थेरेपी जिन महिलाओं को मासिक धर्म समाप्त हो गया हो और बेस्ट कैंसर की संभावना बनी हो तो हार्मोन थेरेपी एक कारगर उपचार है।

बेस्ट कैंसर होने पर क्या खाना चाहिए

ब्रेस्ट कैंसर होने पर खानपान का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। इसलिए निम्न बातों पर ध्यान दें।

  • सोया खाद्य का सेवन करने से ब्रेस्ट कैंसर को कम किया जा सकता है।
  • ब्रेस्ट कैंसर होने पर फाइबर युक्त खाने चाहिए।
  • एलियन सब्जी का सेवन स्तन कैंसर के खतरे को कम करता है
  • लहसुन का सेवन कैंसर को खत्म करने में मदद करता है इसलिए खाने में रोजाना लहसुन का उपयोग करें।
  • सभी प्रकार की फलियां खाने से स्तन कैंसर का खतरा 46% तक कम होता है।
  • ब्राउन राइस के सेवन से प्रीमोनो पॉजल महिलाओं के स्तन कैंसर का खतरा कम करता है।
  • मछली खाने से स्तन कैंसर में गिरावट आती है।
  • नट्स और ग्रीन टी के सेवन से स्तन कैंसर कम होता है।

निष्कर्ष

स्तन कैंसर महिलाओ के लिए एक जानलेवा बीमारी है। इस रोग को कई महिलाएं छिपती है। जो गंभीर बात है। अगर किसी को यह बीमारी है तो उसे डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। स्तन कैंसर पुरुषो को भी हो सकता हैं । महिलाएं स्तन कैंसर के प्रति सचेत रहें। हमने आपको आर्टिकल में स्तन कैंसर के बारे में पूरी जानकारी दी है।

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