Bitcoin in Hindi: दुनिया ने तकनीक में कितनी तरक्की कर ली है। इसका अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है कि जो पैसा और करेंसी आप नोट, कागज और सिक्के के रूप में देखते थे। आज वह करेंसी अदृश्य हो गई है। लेकिन उसकी मान्यता 100% है। कहने का मतलब आपने अभी तक कागज की करेंसी देखी होगी। जैसे भारत में रुपए ,अमेरिका में डॉलर ,ब्रिटेन में पाउंड,यूरोप में यूरो , बांग्लादेश में टका, चीन में युआन, दुबई में रियाद इन सभी करेंसी को आपने कागज के टुकड़ों में देखा होगा। जिसे आप आसानी से हाथ से छू भी सकते होंगे। जेब में रख सकते होंगे। लेकिन दुनिया की एक ऐसी करेंसी भी है जिसे आप ना तो छू सकते हैं और ना ही देख सकते है। सिर्फ महसूस कर सकते हैं। जिसे बिटकवाइन कहते हैं। आज हम आपको क्रिप्टो करेंसी यानी बिटक्वाइन के बारे में पूरी जानकारी देंगे।

बिटकॉइन क्या है (Bitcoin in Hindi)

बिटकॉइन एक डिजिटल और वर्चुअल ग्लोबल करेंसी है। जिसे डिजिटल दुनिया के लिए बनाया गया है। इसका प्रयोग कभी भी कहीं भी किया जा सकता है। इसकी सहायता से एक व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को कहीं भी बिना किसी थर्ड पार्टी और बिना बैंक की मदद से पैसे भेज सकता है। यानी आप अपने बिटकॉइन वॉलेट से किसी दूसरे व्यक्ति के बिटकॉइन वॉलेट में पैसे भेज सकते है। इसके लिए आपको सिर्फ ढाई सेंड यानी एक रुपए 67 पैसे ही देने होंगे। या एक तरह की डिजिटल करेंसी है। जिसका निर्माण और नियमन इलेक्ट्रॉनिक व्यवस्था की सहायता से किया जाता है। यह पैसे के लेनदेन का बहुत ही फास्ट तरीका और आसान तरीका है। यह सिर्फ दो लोगों के बीच की प्रक्रिया है। इसमें किसी भी तीसरे व्यक्ति की जरूरत नहीं होती है। इस के लेन-देन में पैसे कोड के रूप में आपके बिटकॉइन वॉलेट में आते हैं। यह कोई प्रिंटेड करेंसी नहीं है। इसे लोगों द्वारा तैयार किया गया है। जो सिर्फ डिजिटल माध्यम से ही ट्रांसफर की जा सकती है।

कैसे हुई बिटकॉइन की शुरुआत (When Bitcoin Started)

बिटकॉइन की शुरुआत जनवरी 2009 में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में पहली बार जापान के सातोशी नाकामोतो द्वारा जारी की गई थी। ये एक प्रोग्रामर है। इसके बारे में कोई नहीं जानता है। कुछ अलग अलग लोग सातोशी नाकामोतो होने का दावा करते हैं। लेकिन आज तक असली प्रोग्रामर का पता नहीं चला है आज के समय में ऐसे प्रोग्राम बना है। वैसे जब इस करेंसी को बनाया गया था तो सतोशी नाकामोतो का का इसके पीछे एक उद्देश्य था कि एक स्थान से दूसरे स्थान पर बिना किसी थर्ड पार्टी के केंद्रीय अथॉरिटी की सहायता से जारी पैसा भेजा जा सक। वो भी सिर्फ डिजिटल और सिर्फ कंप्यूटर के माध्यम से । 22 मई 2000 को पहली बार सतोशी ने एक बिट क्वाइन के बदले 10000 बिटकॉइन की पेशकश की थी।

कैसे काम करता है बिटकॉइन (How Bitcoin Works)

इसका आदान-प्रदान पियर टू पियर तकनीक से होता है। यानी यह पैसे सीधे एक कंप्यूटर से दूसरे अकाउंट में पहुंच जाते हैं। क्या आम लोगों में बटे एक ब्लॉकचेन के रूप में भेजा जाता है। जैसे बैंक आपके पैसे का हिसाब रखता है। वैसे ही ब्लॉकचेन हर बिटकॉइन का हिसाब रखते हैं। यानी दुनिया में कहीं भी किसी भी जगह पर हुए इसके लेन-देन का हिसाब ब्लॉकचेन के पास होता है। आपको बता दें कि हर लेन-देन को वेरीफाई किया जाता है ।और नेटवर्क इसका रिकॉर्ड रखता है। इसलिए इसमें धोखाधड़ी नहीं हो सकती। इस तकनीक को करोड़ों यूजर्स सुरक्षित मानते हैं। ब्लॉक चेन इसे पावरफुल कंप्यूटर की मदद से लेनदेन करते हैं। और इसकी जांच करते हैं। इसके लिए जो भी सफलतापूर्वक कार्य कर लेता है उसे इनाम दिया जाता है।

दरअसल कोड भाषा में होने वाले इस लेनदेन को वेरीफाई करने वाले हजारों लोगों में एक क्लर्क का काम करते हैं। और उन्हें माइनर कहा जाता है। ये लोग हमेशा लेनदेन पर नजर रखते हैं ताकि कोई गलत लेनदेन ना हो। माइनर को इस लेनदेन के बदले करीब 12.56 बिटकॉइन मिलते हैं।

बिटकॉइन वॉलेट क्या है (Bitcoin Wallet in Hindi)

यह एक तरह का सॉफ्टवेयर प्रोग्राम होता है। जिसके अंदर बिटकॉइन स्टोर करके रखे जाते हैं। सही मायनों में कहा जाए तो इसको कहीं देखा नहीं जाता है। किसी बिटकॉइन का अपना प्राइवेट नंबर यानी कोड होता है। जो कि बिटकॉइन वॉलेट में सुरक्षित रखा जाता है। इसकी सहायता से हम खुद हम बहुत आराम से बिटकॉइन ले सकते हैं। किसी को दे सकते हैं। यह मोबाइल वॉलेट के समान ही होता है। इस पर जो कोड होता है। उसके बिना हम लेनदेन नही कर सकते। इस कोड को हम बदल भी सकते है। साथ ही इस कोड को हम किसी दूसरे पर्सन के साथ शेयर नही कर सकते है।

बिटकॉइन को लेकर क्या है कानून (Law For Bitcoin in India)

इस बिट क्वाइन को लेकर सही और गलत का फैसला इस आधार पर होता है कि आप किस देश से में रह रहे हैं। और इसका क्या प्रयोग कर रहे है। इसे जापान में कानून इजाजत दी गई है क्योंकि इस जापानी युवक ने ही बनाया था। किंतु कई देशों में भी इसे कानूनी सहायता नहीं दी मिली है। कुछ देशों में इसे ग्रीन जोन में रखा गया है। जहां ना तो इसे औपचारिक तौर पर बैन रखा गया है और ना इसे मान्यता दी गई है। भारत की बात करें तो भारत में बिटकॉइन को मान्यता मिली है।

बिटकॉइन का प्रयोग क्यों करें (Why use Bitcoin)

कई ऐसे देश में जहां पर कैपिटल कंट्रोल नहीं है। कैपिटल कंट्रोल यानी यह बात तय नहीं है कि देश से से बाहर कितना पैसा भेजा जा सकता है। और कितना मांगाया जा सकता है। कुछ स्थानों पर लोग कंट्री लिवरेज से अधिक पैसा भेजने अथवा मांगने के लिए इसका प्रयोग करते हैं। यह लोग बिटकॉइन खरीदते हैं। और देश से बाहर भेजकर उसे पुनः पैसे में रूपांतरित कर लेते हैं। कई ग्रे देशों में ऐसा किया जाता है। निजी धन छुपाने के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है। कुछ अधिक धनी लोग अपना पैसा छुपाना चाहते हैं। वह पहले स्विस बैंक की शरण लेते हैं। किंतु अब वहां पैसा जमा करना थोड़ा मुश्किल हो गया है। उसके बाद में उनके पास पैसा ,सोना ,हीरा और खरीदने के विकल्प में आता है। जिसकी सहायता से वह पैसे कहीं भी छुपा सके। लेकिन यह सारी चीजें प्रशासन की नजर में रहती है। जिन लोगों के पास से बैंक का एक्सेस नहीं है। वह इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। सबसे बड़ी खास बात यह है कि इसके प्रयोग के लिए किसी कार्ड वगैरह की आवश्यकता नहीं पड़ती। इसकी सहायता से होने वाले लेनदेन फेस टू फेस भी नहीं होते। और किसी प्रकार डर भी नही होता।

बिटकॉइन के क्या लाभ हैं (Advantages of Using Bitcoin)

  • यह एक डिजिटल करेंसी है तो धोखाधड़ी कम है।
  • यदि आपके पास अधिक धन है। और आप कहीं भी इन्वेस्ट करना चाहते हैं। तो अधिकतर स्थान पर आपको किसी तीसरे की मदद की जरूरत होती है। लेकिन आप इस करेंसी को बिना किसी तीसरे की दखल से इस्तेमाल कर पाएंगे।
  • आप जो पैसे से जमीन , मकान खरीदना चाहते हैं तो आपको लॉयर की जरूरत पड़ती है । उसका कमीशन देना पड़ता है। किंतु इसमें निवेश के लिए किसी भी थर्ड पार्टी की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन आप अपने पैसे यहां रखकर निश्चिंत रह सकते है।
  • इंटरनेट के दौर में इस समय अधिकतर लोगों के पास डेस्कटॉप ,स्मार्टफोन आदि की सुविधा है ।इस समय इसके वॉलेट का इस्तेमाल करना बहुत सरल है। ठीक उसी तरह जैसे M PESA वॉलेट का इस्तेमाल किया जाता है।
  • इस सुविधा का लाभ लेने के लिए बहुत ही कम चार्ज देने की आवश्यकता होती है ।बिटकॉइन ट्रांजैक्शन फीस मुफ्त है।

बिटकॉइन के नुकसान (Disadvantages of Bitcoin)

  • बिट क्वाइन को कंट्रोल करने के लिए किसी भी प्रकार की आथारिटी या सरकार नहीं होती है। जिसके कारण बिटकॉइन की कीमत में बहुत अधिक उछाल और गिरावट आती रहती है। जिस वजह से इसमें निवेश करना थोड़ा जोखिम भरा हो सकता है।
  • इसका इस्तेमाल दो लोगों के बीच होता है। कई बार इसका उपयोग लोग गलत कामों के लिए जैसे हथियार खरीदने, ड्रग तस्करी के लिए करते है।
  • यदि आपके खाते को किसी हैकर ने द हैक कर लिया तो तो आप बिटकॉइन खो सकते हैं। यह सबसे बड़ी हानि यह है कि फिर आपको वापस बिट क्वाइन नही मिल पाएगी।

बिटक्वाइन माइनिंग क्या होता है (Bitcoin Mining in Hindi)

दुनिया के सभी देशों में करेंसी मुद्रा छापने की एक सीमा होती है। वैसे ही बिट क्वाइन बनाने की एक लिमिट होती है। इसकी लिमिट यह है की मार्केट में 21 मिलियन से अधिक बिट क्वाइन नही आ सकते है। फिलहाल मार्केट में अभी 13 मिलियन है। जो नए बिट क्वाइन है। वो माइनर के जरिए आते है।

बिट क्वाइन कैसे खरीदें (How to Buy Bitcoin)

आपको बता दें कि बिट क्वाइन खरीदना बहुत आसान है। आप इसे सोने की तरीके खरीद सकते है। वो भी भारतीय मुद्रा में। यह दुनिया की सबसे लोकप्रिय मुद्रा है। इसे डिजिटल गोल्ड भी कहा जाता है। यह कई देशों में भिगतान करने का नया तरीका है। बिट क्वाइन के लिए एक्सचेंज की जरूरत होती है। इसे खरीदा और बेचा जाता है। जैसे बिनायंस, कोइनबेस एक्सचेंज, हूबी ग्लोबल, कू कोइन कार्केन आदि। भारत में यहां से खरीद सकते हैं। वेजरिक्स, कोईन डीसीएक्स, यूएनओ कोइन आदि।

निष्कर्ष

बिट क्वाइन एक डिजिटल करेंसी हैं। यह करेंसी सभी वर्गो के लिए है। जो इसका इस्तेमाल करना चाहते है कर सकते है। ध्यान दें इसके फायदे है तो नुकसान भी है। बहुत ही सावधानी से इसका इस्तेमाल करें। बिट क्वाइन जब भी खरीदें वा बेंचे तो कोड का विशेष ध्यान रखें । हमने आपको पूरी जानकारी आर्टिकल में बताई है। उम्मीद करते है पसंद आई होगी।

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