जीवन में ज्यादातर बीमारी की जड़ गंदगी से जुड़ी होती है। बीमारी चाहे जो भी हो ,उसमें सबसे ज्यादा साफ सफाई की जरूरत होती है। लेकिन कुछ लोग साफ सफाई का ध्यान बिल्कुल भी नही रखते है। और ऐसे में एक साथ कई बीमारियां हमें घेर लेते है। हैजा उन्हीं बीमारियों में से एक है। क्योंकि हैजा गंदगी और इन्फेक्शन के कारण ही फैलता है। आज हम आपको इस आर्टिकल के जरिए हैजा रोग से संबंधित पूरी जानकारी विस्तृत में बताएंगे।

हैजा क्या है

हैजा जिसे हम सामान्य भाषा में कालरा भी कहते हैं। यह एक संक्रामक बीमारी है। जिसका उचित समय पर इलाज ना होने पर व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। हैजा विब्रियो कोलेरी जीवाणु के कारण होता है। जो दूषित भोजन और पानी से फैलता है। यह गंदे हाथों और नाखूनों के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को भी प्रभावित कर सकता है। इस संक्रमण रोग की वजह से व्यक्ति को गंभीर दस्त की समस्या होती है। जिससे डिहाइड्रेशन पैदा होने लगती है। हैजा बैक्टीरिया संक्रमण है। साथ ही इसके इन्फेक्शन होने की वजह कच्चे फल और दूषित पानी से धोई हुई सब्जियां भी हैं। हैजा एक ऐसा रोग है। जहां प्रदूषित वातावरण की वजह से हर शख्स को हैजा होने का खतरा होता है। एक रिसर्च के अनुसार ओ ब्लड ग्रुप वालों को अन्य ब्लड ग्रुप वाले के मुकाबले हैजा का खतरा ज्यादा होता है। हालांकि जानकारों की अलग अलग राय के मुताबिक इसकी कोई आधिकारिक वजह साफ नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का मानना है कि अधिकतर संक्रमित लोगों में कई बार हैजा संबंधित लक्षण उजागर नहीं होता है। और अगर उनमें से कोई लक्षण दिखाई भी दिया तो बस आम लक्षण होते हैं। 1000 में से 10 बीमार लोगों मुश्किल से एक को गंभीर लक्षण होता है। सामान्य तौर पर हैजा होने के बाद 2 से 3 दिनों बाद लक्षण नजर आने लगते हैं।

हैजा के लक्षण क्या है

हैजा के अधिकतर मामलों में लक्षणों का पता नहीं चलता है कि अब इस रोग का शिकार हुए हैं। इस इन्फेक्शन के संपर्क में आने के 7 से 14 दिनों तक मल से हैजा के बैक्टीरिया निकलते हैं। संक्रमित व्यक्तियों में 10 में से एक व्यक्ति को इंफेक्शन दो से 3 दिन बाद ही दिखाई देने लगते हैं। हैजा के लक्षण इस प्रकार हैं।

  • अचानक डायरिया होना
  • जी मिचलाना
  • उल्टी होना
  • त्वचा का लचीलापन का कम होना
  • ब्लड प्रेशर का कम होना
  • हल्के और गंभीर रूप से डिहाइड्रेशन होना
  • थकावट होना
  • रूखी त्वचा होना
  • आंखें लाल हो जाना
  • मुंह सूखना
  • अधिक प्यास लगना
  • पेशाब कम आना
  • दिल की धड़कन होना
  • कम ब्लड प्रेशर होना
  • मांसपेशियों में ऐंठन होना
  • बुखार आना

हैजा किस कारण होता है

हैजा दूषित पानी पीने ,दूषित पानी से बर्फ का इस्तेमाल करने ,सड़क पर बेचे जाने वाले दूषित खाद्य पदार्थों का सेवन करने ,मानव और अपशिष्ट युक्त पानी से उगाई जाने वाली सब्जियों के सेवन से हैजा होने की समस्या होती है।खास बात यह है कि जब लोग हैजा जीवाणुओं का उपभोग करते हैं। तो वह खुद बीमार नहीं होते लेकिन अपने माल से जीवाणु फैलते है। खुले में शौच करने से मानव मल पानी और भोजन के स्रोतों को दूषित करता है। जब कोई व्यक्ति इसे दूषित भोजन या पानी का सेवन करता है। तो उसमें हैजा के जीवाणु आंतों में विष छोड़ते हैं। इसकी वजह से गंभीर दस्त की समस्या हो जाती है। हैजा वातावरण द्वारा भी फैलता है। क्योंकि कोलेरा जीवाणु तटीय जल में प्राकृतिक रूप से मौजूद होते है। जहां ये कॉपपोडस नामक छोटे क्रस्टशियंश से जुड़ जाते है। और दुनियाभर में फैल जाते हैं।

हैजा से बचने के क्या उपाय हैं

  • हाजा से बचने के लिए निम्न उपाय हैं।
  • इस बीमारी से बचने के लिए ड्यूकोरल , शैनकोल नामक वैक्सीन लगवानी चाहिए।
  • हैजा से ग्रस्त इलाकों में जाने से पहले आवश्यक टीकाकरण कराएं।
  • साबुन और पानी से कई बार हाथ धोये।
  • फलों और सब्जियों को साफ करने , ब्रश करने ,भोजन तैयार करने ,बर्तन धोने या बर्फ जमाने के लिए बोतलबंद उबला हुआ रासायनिक तरीके से शुद्ध पानी का उपयोग करें।
  • पूरी तरह से पका हुआ और गर्म खाना खाएं ।
  • जिन सब्जियों और फलों को आप स्वयं छिल संके उनका उपयोग करें ।
  • बिना उबले हुए दूध और इसके उत्पादों के सेवन से बचे।
  • उन जगहों पर जाने से बचे जहां ठहरे हुए पानी हो
    पानी और खाद स्रोतों के प्रदूषण को रोकने के लिए मल त्याग खुले में ना करें।
  • जंक फूड खाने से बचें।

हैजा होने से नुकसान और जटिलताएं

हैजा जल्दी ही घातक रूप लेने वाला रोग है। अधिक गंभीर मामलों में भारी मात्रा में तरल पदार्थ और इलेक्ट्रोलाइट्स का तेजी से नुकसान होने के कारण 2 से 3 घंटे के भीतर रोगी की मौत हो सकती है।

रक्त शर्करा कम होना

खाना ना खा पाने के कारण रक्त में शर्करा की मात्रा बहुत कम हो जाती है। बच्चों में जोखिम सबसे अधिक होता है।

पोटेशियम की कमी

हैजा ग्रस्त व्यक्ति अपने मल के जरिए खनिजों जैसे पोटेशियम को भारी मात्रा में खो देते हैं। कम पोटेशियम स्तर दिल और तंत्रिका कर व्यवस्थाओं को कमजोर करता है। जो जानलेवा हो सकता है।

किडनी फेल होना

जब गुर्दे अपनी फिल्टरिंग की क्षमता खो देते हैं। तो आपके शरीर में अधिक मात्रा में तरल पदार्थ कुछ इलेक्ट्रोलाइट्स और कचरे का निर्माण होता है। जिसके कारण अक्सर गुर्दे में खराबी हो जाती है।

अन्य समस्याएं

गंभीर हैजा से ग्रस्त लोगों में तीव्र द्रव की कमी कारण हुए निर्जलीकरण सेप्टिक , शॉक और यहां तक कि मृत्यु का भी कारण बन जाती है।

हैजा में क्या परहेज करें

  • समुद्री भोजन विशेष रूप से मछली और सेल्फिश खाने से बचें क्योंकि हैजा के बैक्टीरिया ज्यादातर अधिक नमकीन पानी में पाए जाते हैं।
  • मांस खाना भी आपको हैजा में नुकसान पहुंचा सकता है।
  • कच्ची सब्जियों के सेवन से हैजा के दौरान जितना हो सके उतना बचें ,क्योंकि उनमें हैजा बैक्टीरिया होने की संभावना अधिक होती है।
  • बाहर बनी हुई बर्फ का प्रयोग ना करें अगर आप हैजा से ग्रस्त है।
  • आपको जंक फूड का सेवन करने से बचना चाहिए।
  • उबला हुआ दूध उसके उत्पादों का उपयोग करना असुरक्षित हो सकता है।

हैजा में क्या खाना चाहिए

  • शरीर में तरल पदार्थ की कमी को पूरा करने के लिए सादा पानी, सोडा और नारियल पानी पीना चाहिए शरीर के तापमान को कम करने और उल्टी को रोकने के लिए बर्फ को चूसा जा सकता है।
  • हैजा रोगी को नारियल पानी ,जौ का पानी और छाछ दिया जा सकता है। जब थोड़ी रिकवरी हो तो दही के साथ में सिर्फ गर्म चावल दिया जा सकता है। आप अधिक तरल और नरम पदार्थों का धीरे-धीरे सेवन करें।
  • खट्टे फलों जैसे नींबू संतरे का उपयोग करें। यह बैक्टीरिया को जड़ से खत्म करने में मददगार होता है।

हैजा होने पर घरेलू उपाय क्या करें

रसोई घर में ऐसे कई खाद्य पदार्थ मौजूद होते हैं। जिनका उपयोग कर हैजा रोग पर काबू पा सकते हैं जो निम्न है।

नींबू

हैजा रोगी के लिए नींबू बहुत उपयोगी है। नींबू को एक गिलास पानी में निचोड़ने के बाद उसमें चुटकी भर नमक डालकर घोल तैयार करें। और हैजा ग्रसित व्यक्ति को नियमित तौर पर नींबू पानी दे। नींबू कालरा के खिलाफ एक बायोसाइट के रूप में कार्य करता है। जो शरीर में मौजूद को कोलेरिया बैक्टीरिया को निष्क्रिय कर सकता है।

अदरक

एक कटोरी में अदरक का पेस्ट बना लें। और उसमें थोड़ा सा शहद डाले ताकि वह कड़वा ना लगे। इसके बाद दिन में दो से तीन बार इसका सेवन करें। क्योंकि अदरक में एंटीवायरल गुण पाए जाते हैं जो हैजा में फायदेमंद हो सकते हैं। एंटीवायरस गुण कालरा के बैक्टीरिया को बढ़ाने से रोकता है।

हल्दी

हल्दी की दो गांठ को धूप में अच्छी तरह सुख लें फिर एक चम्मच शहद ,एक कप पानी में मिश्रण कर मिला ले। उसके बाद पीड़ित व्यक्ति को देने से लाभ मिलता है। हल्दी में एंटीबैक्टीरियल गुण शरीर में मौजूद हैजा के बैक्टीरिया को नष्ट करने में मदद करता है।

दही

एक कटोरी में दही लेकर आधा चम्मच जीरा डालकर और छोटा सा नमक डालकर तीनों को अच्छी तरह मिक्स कर लें। और दिन में तीन बार इसका सेवन करें। दही में मौजूद एंटीमाइक्रोबियल्स गुण हैजा के विकास को रोकने की क्षमता रखते हैं।

लौंग

हैजा रोगी 6 से 7 लौंग को एक गिलास पानी में उबाल लें। इसे ठंडा होने के बाद दिन में दो बार इसका सेवन करें। लौंग में एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। इस कारण यह हैजा बैक्टिरियल गुण को रोकने में मदद करते हैं।

हैजा रोग से बचाव

  • पानी उबालकर पीएं
  • पानी को साफ बर्तन पर ही रखें
  • हमेशा ताजा खाना खाएं
  • फल और सब्जियों को साफ पानी से धोकर पकाएं
  • बिना छिलके वाले फल से बचें
  • उल्टी दस्त होने पर इसे नजरअंदाज ना करें तुरंत डॉक्टर के पास जाए।

निष्कर्ष

एक अनुमान के मुताबिक 1 साल के अंदर दुनियाभर में हैजा के 2 लाख 90 हजार मामले दर्ज होते हैं। जिनमें से 95000 लोगों की मौत होती है। हैजा एक संक्रामक बीमारी हैं। जो गन्दगी से फैलती है। हैजा होने पर अगर घरेलू उपाय से आराम ना मिले तो डॉक्टर को दिखाएं। उम्मीद का आपको मेरी बताई गई जानकारी अच्छी लगी होगी।

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