हार्ट अटैक क्या है? लक्षण, कारण और उपचार

हार्ट जिसे हम हिंदी में हृदय कहते हैं। दिल हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। यह सीने के बाईं तरफ स्थित हमारी बंद मुट्ठी जितना बड़ा होता है। हार्ट ही पूरे शरीर में खून को पंप करता है। जिससे सभी अंग जीवित रहते हैं। दिल एक मस्कुलर अंग है। जो दिन में लाख बार धड़कता है। मतलब 1 मिनट में 72 बार। हमारा दिल छाती के बाई ओर होता है। जो कि 24 घंटे में पूरे शरीर में 5000 गैलन रक्त पंप करता है। हृदय का मुख्य कारण हमारे हार्ट को पंप को ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति करना है। अगर यह अंग अपने काम को पूरा करने में विफल होता है। तो इसके परिणाम जीवन के लिए खतरा भी बन सकते हैं। आज हम आपको अपने आर्टिकल में महत्वपूर्ण विषय से जुड़ी जानकारी देंगे हार्ट अटैक जो एक सामान्य बीमारी बिल्कुल भी नहीं है। इसके लक्षण , कारण और उपचार जानने की कोशिश करेंगे।

क्या है हार्ट अटैक (Heart Attack in Hindi)

मेडिकल की भाषा में कहें तो हार्ट अटैक को मयोकार्डिनल इनफ्रेक्शन के रूप में जाना जाता है। मायो शब्द का अर्थ है। मांसपेशी जबकि कार्डियल हृदय को दर्शाता है। वहीं दूसरी ओर इनफ्रेक्शन अपर्याप्त रक्त आपूर्ति के कारण है।जो टिशु के नष्ट होने को संदर्भित करता है। टिशू के नष्ट होने से हृदय की मांसपेशियों को लंबे समय तक नुकसान पहुंच सकता है। दिल का दौरा एक ऐसी ही स्थित है। जिसमें आमतौर पर हृदय की मांसपेशियों को रक्त की आपूर्ति करने वाली धमनी पूरी तरह से अवरुद्ध होने के कारण अचानक खून की सप्लाई बंद कर देती है। इससे हृदय की मांसपेशियों की कोशिकायें मर जाती हैं। धमनी में ब्लॉकेज यानी रुकावट अक्सर ब्लॉक में जमा हो जाती है। जिसके परिणाम स्वरूप कोरोनरी हार्ट डिजीज होती है। अगर इस समस्या को बिना उपचार किए ही छोड़ दिया जाए तो व्यक्ति की मौत भी हो सकती है।

हार्ट अटैक के सामान्य लक्षण

इसके लक्षण निम्न प्रकार है

शरीर से ठंडा पसीना आना , थकान महसूस होना,सांस लेने में परेशानी होना, शरीर का भार कम महसूस होना, चक्कर आना ,बाएं हाथ में दर्द होना, उल्टी आना ,अपच की समस्या होना, सीने में जलन होना ,जबड़े में दर्द होना, गर्दन में दर्द होना, बाएं हाथ में दर्द होना ,बाएं कंधे पर दर्द होना, शरीर के एक तरफ का हिस्सा दर्द होना आदि।

हर व्यक्ति में हार्ट अटैक के लक्षण अलग-अलग होते हैं कुछ लोगों में हार्ट अटैक के समय दर्द काफी तेज दर्द होता है। तो कुछ लोगों में हर्ट के दौरान दर्द कम होता है।

हार्ट अटैक के क्या कारण हैं

आपके दिल की मांसपेशियों को लगातार ऑक्सीजन के साथ रक्त की आवश्यकता होती है। जिसे कोरोनरी धमनी कहते है। यह रक्त आपूर्ति तब अवरुद्ध हो जाती है। जब आपकी धमनियों में प्रॉब्लम हो जाती है।साथ ही नसें संकरी हो जाती हैं। हार्ट अटैक आने का प्रमुख कारण नसों में रक्त का जमना होता है। ब्लड क्लोटिंग एक खतरनाक समस्या है। जो हार्ट अटैक को जन्म देती है। कुछ लोगों में हार्ट अटैक आने से सीने में अचानक दर्द करता है। कुछ लोगों को कुछ घंटे पहले दर्द होता है या अलग अलग कारण होते हैं। हार्ट अटैक आने के निम्न कारण हैं।

अधिक उम्र

हार्ट अटैक का एक कारण अधिक उम्र भी हो सकती है। पुरुष में 45 साल से अधिक तथा महिलाओं में 55 साल से अधिक उम्र की हार्ट अटैक के हृदयआघात की संभावना बढ़ जाती है।

मानसिक स्थिति

जी हां यह भले ही सुनने में थोड़ी अजीब बात लगे। लेकिन मानसिक स्थिति के कारण भी हृदयाघात को नुकसान पहुंच सकता है। कई मामलों में डिप्रेशन और तनाव के चलते हार्ट अटैक की समस्या देखने को मिलती है। क्योंकि खून बहुत तेजी के साथ रफ्तार में पंप करता है।

तंबाकू या धूम्रपान

जो लोग तंबाकू का सेवन करते हैं या धूम्रपान करते हैं। तो ऐसे में उन्हें हार्ट अटैक की संभावना काफी बढ़ जाती है। लोग सिगरेट पीने वाले लोगों के साथ रहते हैं। उन्हे भी हार्ट की बीमारी हो सकती है।

मोटापा

मोटापा ना सिर्फ हार्ट अटैक को को जन्म देता है बल्कि इसके साथ ही यह व्यक्ति को अवसाद और अन्य बीमारियां भी देता है। हमारे शरीर में फैट या वसा की एक उचित मात्रा होना बहुत जरूरी है। हम जो चीज खाते हैं उसमें से फैट हमारे शरीर में आता है। इस कारण कई बार अधिक फैट हमारे हार्ट अटैक का कारण बनती है।

उच्च रक्तचाप

हमारे शरीर में होने वाली समस्त प्रक्रियाएं सामान्य ही होनी चाहिएm उदाहरण के तौर पर हमारी नसों में रक्त का प्रवाह एक निश्चित गति से होता है। और यह निश्चित ही होना चाहिए यदि नसों में रक्त का प्रवाह तेज या धीमा हो जाता है ।तो हृदयाघात की संभावना बढ़ जाती है इसलिए ब्लड प्रेशर सामान्य रहना बहुत जरूरी है।

मेटाबॉलिक सिंड्रोम

जब कोई व्यक्ति मोटापे ,हाई ब्लड प्रेशर और हाई ब्लड शुगर की समस्या से लगातार जूझ रहा होता है। तो उसका मेटाबॉलिक सिंड्रोम कम हो जाता है। इस कारण हार्ट अटैक के चांस बढ़ जाते है।

पारिवारिक इतिहास

यदि परिवार में इस समस्या से जुड़ी बीमारी किसी सदस्य को पहले से है। या कभी हार्ट अटैक आया है तो अगली पीढ़ी के लोगों में हार्टअटैक आने की संभावना बढ़ जाती है। कई बार यह अनुवांशिक गुणों कारण होता है। ऐसा पुरुष में 55 और महिलाओं 65 वर्ष की उम्र तक आने की संभावना बढ़ जाती है।

कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक में क्या अंतर है

अक्सर बहुत से लोग कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक बीमारी को एक समझ लेते है। दरअसल दोनों ही हृदय संबंधित स्थितियां हैं। किंतु यह दोनों ही अलग-अलग होती हैं। जिन्हें बहुत बार लोग ह्रदय के कारण एक ही समझ लेते हैं। हार्ट अटैक को डॉक्टर ज्यादातर मायोकार्डिया इनफ्रेक्शन को हृदय के किसी क्षेत्र में आपर्याप्त रक्त प्रवाह के कारण हृदय की मांसपेशियों के हिस्से को नुकसान के रूप में परिभाषित करते हैं। ज्यादातर यह हृदय की धमनियों में रुकावट के कारण होता है। जिसे टाइप वन हार्ट अटैक के रूप में जाना जाता है। इस तरह की रुकावट आम तौर पर तब होती है। जब कोलेस्ट्रॉल से भरपूर पट्टीका धमनी के फटने के कारण बनती हैं। इसमें ब्लड का थक्का भी बन जाता है और रक्त बाधित कर देता है। इस कारण हार्ट अटैक आता है। कार्डियक अरेस्ट तब होता है ।जब हार्ट के इलेक्ट्रिकल सिस्टम में खराबी होती है। जिससे यह अचानक तेजी से और बुरी तरह से धड़कने लगता है। यह पूरी तरह से धड़कन बंद कर देता है। जिससे के मस्तिक फेफड़े और अंगों में संचार ना होने कारण लगता है। उस लेना बंद कर देता है। और कुछ देर बाद आ जाता है।

हार्ट अटैक अगर आए तो क्या करें

  • शरीर में दिख रहा है किसी भी प्रकार के कोई भी लक्षण को अनदेखा ना करें।
  • यदि आपके शरीर में किसी भी जगह पर कोई दर्द सूजन हो तो ऐसे में तुरंत उपचार कराएं ।
  • सीने में दर्द या जलन या बाएं हाथ में लगातार दर्द होने पर डॉक्टर के पास जाएं।
  • अपने आहार में अच्छी चीजों को शामिल करें आहार को संतुलित रखें ज्यादा कैलोरी युक्त भोजन ना करें पैदल फल और जूस का सेवन करते रहें।
  • फिटनेस पर ध्यान दें शरीर पर अतिरिक्त वसा को जमने ना दें जितना हो सके पैदल चलने कोशिश करें।
  • नकारात्मक विचारों से दूर रहें किसी प्रकार का तनाव डिप्रेशन ना लें ।
  • हार्ट अटैक से अगर किसी भी प्रकार के लक्षण आपको दिखाई दे रहे हैं तो तुरंत नजदीकी डॉक्टर के पास जाएं ।

हार्ट अटैक के लिए क्या है डाइट

दिल के दौरे के इलाज की आधारशिला स्ट्रोक जैसे भविष्य की जटिलताओं को रोकती है। आपके भोजन की आदत काफी हद तक प्रभावित करती है। आपके शरीर के विभिन्न अंग कैसे कार्य करते हैं। और आपके हृदय को इससे अलग नहीं किया जा सकता है। इसलिए आपके लिए यह जानना जरूरी है कि अपने भोजन में क्या शामिल करें। अपनी प्लेट को , पौष्टिक खाद्य पदार्थों से भरे। जिसमें एसक्यूरेटेड फैट की मात्रा कम हो। जैसे फल और सब्जियां, मीट, चिकन , नट, सेम और फलिया, मछली, साबुत ,अनाज जैतून का तेल, कम फैट वाले डेयरी उत्पाद ,अपने भोजन में शामिल करें।

निष्कर्ष

अपनी सेहत का ख्याल रखना बहुत जरूरी है। जीवन हर व्यक्ति को एक ही बार मिलता है। और इसलिए जरूरी है कि इस जीवन की कद्र की जाए। बीमारियों के प्रति कभी भी लापरवाही ना करें। जितना हो सके उनके बारे में जाने कोशिश करें। हार्टअटैक एक बहुत गंभीर बीमारी है। यह बहुत नाजुक अंग होता है। इसलिए जब भी आपको हार्टअटैक से जुड़े लक्षण महसूस हो तो आप तुरंत नजदीकी डॉक्टर से सलाह लें। कई बार हार्ट अटैक तुरंत आता है। तो कई बार संकेत देकर आता है। ऐसे में हमेशा हार्ट के प्रति सतर्क रहें। अपने भार से ज्यादा समान उठाने की कोशिश ना करें। लगातार एक्सरसाइज करते रहें। अनावश्यक दवाई मत ना खाएं। हम आशा करते हैं कि आज हमने अपने इसलिए एक में हार्ट अटैक से संबंधित जो जानकारी बताई गई है। वह काफी उपयोगी साबित होगी।

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