एक वह दौर था। जब व्यक्ति मीलों पैदल चलता था। और इतना ही नहीं एक शहर से दूसरे शहर पैदल ही सैकड़ों किलोमीटर दूर यात्रा करता था। लेकिन अब ऐसा नहीं है। समय के साथ बदलाव हुआ तो खान-पान भी बदल गया। यह खानपान का ही कारण है कि मनुष्य आज पैदल 1 किलोमीटर या 2 किलोमीटर से ज्यादा दूर नहीं जा पाता। क्योंकि अधिक दूरी तय करने पर उसके घुटने जवाब देने लगते हैं। मतलब दर्द करने लगता हैं। घुटनों में दर्द की समस्या पिछले कुछ वर्षों से अधिक देखी गई है। घुटने में दर्द की शिकायत घुटने में चोट लगने या दूसरी बीमारियों के कारण पैदा होती है। घुटने का दर्द दैनिक जीवन में मुश्किल बढ़ा सकता है। घुटने में दर्द के कारण और लक्षण अलग अलग हो सकते हैं। घुटने शरीर के एक अहम जोड़ों में से एक है। जो उठने, बैठने ,चलने या दैनिक जीवन में अनेक कार्य को बिना किसी परेशानी को आसानी से पूरा करने में मदद करते हैं। जीवन की गुणवत्ता में यानी क्वालिटी में स्वस्थ घुटने की खास अहम भूमिका होती है। आज हम जानेंगे। आखिर घुटनों में दर्द क्यों होता है। किस कारण होता है। और इसका अचूक उपाय क्या है।

घुटने में दर्द क्यों होता है

घुटने में दर्द अक्सर दौड़ते, खेलते ,यात्रा करते ,सीढ़ियां चढ़ते या दैनिक जीवन के कामों को करते समय घुटने में चोट लग जाती है। जिसके कारण घुटने में दर्द होता है। चोट के कारण घुटने में दर्द होना कोई गंभीर समस्या नहीं है। क्योंकि इसका उपचार घरेलू नुस्खा और दवाओं से किया जा सकता है। परेशानी तब बढ़ती है। जब घुटने में दर्द का कारण अर्थराइटिस जैसी कोई गंभीर बीमारी होती है। ऐसी स्थिति में घरेलू उपाय उसे ज्यादा फायदा नहीं होता है। इस हिस्से में घुटने के इलाज के लिए हमें डॉक्टर की दवाओं तेल अथवा सर्जरी का ही सहारा लेना पड़ता है।

घुटने में कितने प्रकार का दर्द होता है।

घुटने में कई प्रकार से दर्द होता है।

एसीएल चोट : इसे एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट इंजरी भी कहते हैं। यह अधिकतर खिलाड़ियों में देखने को मिलता है। इसमें एसीएल खींच या फट जाता है।

फ्रैक्चर : घुटने का फ्रैक्चर होना कष्टदायक हो सकता है। यह अधिकतर मामलों में गिरने, चोट लगने या एसेंट्रिक संकुचन के कारण होता है।

मेनिस्कस टियर: यह रबरयुक्त होता है। जो भारी सामान उठाने पर अचानक से मुड़कर फट जाता है। जिसके कारण घुटने दर्द करने लगते हैं।

बरसाइटिस :घुटनों का देर तक इस्तेमाल करने या फिर सामान्य मात्रा से अधिक इस्तेमाल करने पर इसकी समस्या होती है।

पेटेलर टेंडोनाइटिस : कांडला की एक सामान्य चोट या सूजन है। जो घुटने की टोपी को पिंडली से जोड़ती है इसमें अधिक खिंचाव के कारण या दर्द होने लगती है।

गाउट : यह गठिया का एक रूप होता है। जो यूरिक एसिड बनने की वजह से होता है।

डिसलोकेशन : हड्डियों के जोड़ उखड़ने या जगह से हिल जाने को डिसलोकेशन कहा जाता है। घुटने के ऊपरी हड्डी का डिस्को लेशन अक्सर आघात के कारण ही होता है।

घुटने में दर्द के लक्षण

घुटने के दर्द की जगह व गंभीरता अलग अलग हो सकती है इसके लक्षण इस प्रकार हैं।

  • सूजन और जकड़न
  • प्रभावित त्वचा लाल हो ना और छूने पर गर्व महसूस होना
  • कमजोरी व स्थिरता
  • घुटने से आवाज आना
  • घुटना पूरी तरह से सीधा ना होना
  • घुटना मोड़ने में परेशानी होना

घुटने में दर्द का घरेलू इलाज

कुछ खास घरेलू नुस्खों से घुटने का दर्द ठीक किया जा सकता है। अगर घुटने में दर्द के कारण हल्की-फुल्की चोट या कोई समय सामान्य समस्या है। तो घरेलू उपचार करने से घुटने का दर्द ठीक हो जाएगा। घुटने के दर्द के लिए घरेलू नुस्खे।

  • दूध
  • हल्दी
  • अदरक
  • लहसुन
  • लाल मिर्च
  • मेथी दाना
  • सेंधा नमक
  • नींबू
  • सरसों का तेल
  • सेब का सिरका
  • जैतून का तेल
  • नारियल तेल
  • ठंडी या गर्म सिकाईं
  • एनसीसीएल तेल
  • लोबान तेल

साथ ही विटामिन सी विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल किया जा सकता है। जब घरेलू नुस्खों से घुटने का दर्द का उपचार नहीं होता। तो घुटने के कारण कोई गंभीर बीमारी होने लगती है। इसको इसको अन्य माध्यम से भी ठीक किया जा सकता है। जैसे दवाएं थेरेपी, इंजेक्शन ,घुटने की सर्जरी आर्थ्रोस्कॉपी सर्जरी नी रिप्लेसमेंट सर्जरी आदि।

घुटने के दर्द के लिए एक्सरसाइज

घुटने के दर्द से राहत दिलाने के लिए व्यायाम एक अहम भूमिका निभा सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे बिना डॉक्टर के परामर्श के आपको एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए। सामान्य तौर पर घुटने के दर्द के लिए नी एक्सरसाइज और नी एक्सटेंशन एक्सरसाइज करनी चाहिए।

घुटने के दर्द के लिए योग

व्यायाम के साथ-साथ खास योग भी घुटनों के दर्द के लिए काफी मददगार है। आप निम्न निम्न तरीके से बताए गए योग को पढ़ सकते हैं। जो निम्न है।

  • बद्धकोणासन
  • उत्थित हस्त पादनगुष्ठासन,
  • मालासन
  • विरासन
  • क्रोंचासन
  • पद्मासन
  • नटराजासन आदि योग की क्रियाएं है।

घुटने में दर्द का परीक्षण कैसे किया जा सकता है।

घुटने में दर्द के परीक्षण के लिए डॉक्टर निम्न तरीके अपनाते हैं। डॉक्टर परीक्षण करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखते हैं। जैसे सूजन, दर्द ,टेंडर्नेस, घुटने का गर्म होना ,क्या घुटने को निचले हिस्से तक कितना ही लाया जा सकता है और कहां तक लाया जा सकता है। घुटने के ढांचे की हालत को देखना, खींचकर देखना, दबाकर देखना आदि तरीको की पहचान कर लेने के बाद ही डॉक्टर चेकअप के लिए सलाह देते है।

निम्नलिखित टेस्ट इस प्रकार हैं

इमेजिंग टेस्ट: कुछ मामलों में डॉक्टर ऐसे परीक्षण का सुझाव दे सकते हैं।

एक्सरे : डॉक्टर सबसे पहले एक्सरे का सुझाव दे सकते हैं। इसकी मदद से हड्डियों में फ्रैक्चर और अन्य जोर संबंधी रोगों का पता लगाने में मदद मिलती है।
सिटी स्कैन: सिटी स्कैन हड्डी की समस्या का निदान करने और घुटने के जोड़ों को ढीला करने का पता लगाने में मदद करती है।
M R I: एमआरआई का प्रयोग नरम उतको की चोटों को प्रत्यक्ष करने के लिए किया जाता है। जैसे लिगामेंट, ट्रेंडेंस कार्टिलेज और मांसपेशियां।

परीक्षण के लिए दूसरा टेस्ट लाइव टेस्ट होता है। अगर संक्रमण या गाउट जैसी समस्याओं का संदेह होता है। तो डॉक्टर ब्लड टेस्ट कर सकते हैं। कई बार अर्थरोसेस्टिस भी किया जाता है। इस प्रक्रिया में सुई की मदद से घुटने में से थोड़ी सी मात्रा में द्रव निकाला जाता ह। उस द्रव को विशेषण के लिए लैब में भेज दिया जाता है।

घुटने में दर्द का इलाज

घुटने में दर्द का इलाज दबाव द्वारा थेरेपी द्वारा, इंजेक्शन द्वारा, कोर्टिकोस्टेरॉइड द्वारा, सप्लीमेंटल लुब्रिकेशन द्वारा सर्जरी द्वारा ,आर्थ्रोस्कोपिक सर्जरी द्वारा, घुटने के जोड़ को बदलने ऑपरेशन द्वारा भी इसका इलाज किया जा सकता है।

घुटने में दर्द से क्या नुकसान होता है?

सभी घुटने में दर्द गंभीर होते हैं। घुटने में अधिक दर्द बढ़ जाने से ओस्टियोआर्थराइटिस का खतरा बढ़ जाता है। इससे विकलांगता अधिक बढ़ जाती है।

घुटने में दर्द किसकी कमी से होता है?

विटामिन डी की कमी के चलते घुटने में दर्द होता है।

पैर के घुटने में दर्द हो तो क्या करना चाहिए।

पैर में घुटने में दर्द हो तो सबसे पहले उसे बर्फ से सिकाई करनी चाहिए। इसके बाद सीढ़ियां नहीं चढ़नी चाहिए। चाल फेर कम करना चाहिए। घरेलू उपचार अपनाना चाहिए। अगर तबीयत ठीक ना हो तो डॉक्टर के पास तुरंत जाना चाहिए।

घुटने में अधिक दर्द के लिए क्या करें?

घुटने में अगर अधिक दर्द हो रहा हो तो केमिस्ट के पास बिना डॉक्टर की पर्ची की दवाइयां जैसे इब्यूप्रोफेन, नापरोकसेन सोडियम की दवा की मदद से घुटने का इलाज किया जा सकता है। इसके साथ आप क्रीम या तेल लेकर मालिश भी कर सकते हैं।

कम उम्र में क्यों हो रहा है घुटने में दर्द

आजकल कम उम्र के लोगों में घुटने का दर्द यानी पेन की शिकायत देखी जा रही है। घुटने में दर्द के कई कारण हो सकते हैं। 70 से अधिक पब्लिकेशन और 80 इंटरनेशनल प्रेजेंटेशन देने वाले आर्थोपेडिक डॉ जैफ्री वैन थिएल के मुताबिक जब घुटने के मसल्स लिगामेंट और टेंडन से अधिक अधिक काम कराया जाता है। तो घुटने में दर्द जकड़न व अन्य लक्षण विकसित होने लगते हैं टेंडनाइटिस और बरसाइटिस कुछ ऐसी ही स्थितियां हैं। कम उम्र में घुटने का दर्द अधिक प्रयोग और खराब लाइफस्टाइल के कारण हो सकता है। ऐसा ज्यादातर तब होता है। जब कुछ मांसपेशियां अन्य मांसपेशियां की अपेक्षा अधिक काम करते हैं। ऐसे में असंतुलन के कारण घुटने में दर्द होना शुरू हो जाता है। इसके अलावा चोट लगना, गठिया, फैक्चर होना ,अर्थराइटिस , बैठने का गलत तरीका आदि कारण कम उम्र में घुटनों में दर्द का कारण बन सकते हैं।

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