किडनी स्टोन जिसे हम गुर्दे की पथरी के नाम से भी जानते है। गुर्दे की पथरी को नेफ्रोलीथियासिस , रीनल कैलकुली और यूरोलिथियासिस के रूप में भी जाना जाता है। यह बहुत कठोर होती हैं। जो मूत्र में पाए जाने वाले साल्ट और मिनरल्स जैसे रसायनों से बनी होती है। किडनी स्टोन होना काफी आम बात है। नेशनल किडनी फाउंडेशन के अनुसार वैश्विक आबादी के आधे मिलियन से अधिक लोगों में यह समस्या हर साल पाई जाती है। किडनी में पथरी एक मटर के आकार की गोश्तनुमा कठोर होती है। यह सही है कि किडनी की पथरी जितनी बड़ी होती है। उसे अपने आप बाहर निकलना उतना ही मुश्किल होता है। किडनी की पथरी पूरे मूत्र पथ के किसी भी क्षेत्र में विकसित हो सकती है। चाहे वह किडनी हो या मूत्राशय नली हो । आज हम आपको किडनी में स्टोन से संबंधित पूरी जानकारी इस आर्टिकल के माध्यम से बताएंगे। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है। आपको इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ना होगा।

किडनी स्टोन क्या है

हमारी किडनी को रक्त साफ करने के दौरान उसमें मौजूद सभी अपशिष्ट उत्पादों और गैर जरूरी पोषक तत्वों को अलग कर उन्हें पेशाब के जरिए शरीर से बाहर निकाल देती है। लेकिन रक्त में अपशिष्ट उत्पादों की मात्रा और पोषक तत्वों की मात्रा अधिक होने पर यह किडनी के ठीक से काम न करने की वजह से अपशिष्ट उत्पाद किडनी में ही जमा होने लगते हैं। जिसकी वजह किडनी में पथरी की समस्या हो जाती है। किडनी में बनने वाली पथरी खनिज और एसिड लवण से बनती है। आमतौर पर किडनी में पथरी पेशाब के जरिए ही शरीर से बाहर निकाल दी जाती है। लेकिन जब यह शरीर के जरिए बाहर नहीं निकल पाती तो पथरी रोगी को ऑपरेशन का सहारा लेना पड़ता है।

किडनी में पथरी होने के क्या कारण है

किडनी स्टोन होने पर रोगी को कभी थोड़ा तो कभी अधिक दर्द महसूस होता है। लेकिन क्या आपको यह पता है कि किडनी होने के क्या कारण होते हैं। किडनी होने के निम्नलिखित कारण होते हैं।

  • पर्याप्त पानी ना पीना।
  • अधिक वजन होना।
  • ज्यादा प्रोटीन लेना।
  • लगातार सूजन की दवा लेना।
  • परिवार में किसी पहले किसी को किडनी की समस्या होना।
  • शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ना।
  • गैस्ट्रिक बायपास सर्जरी या अन्य आंतों की सर्जरी करवाना।
  • आहार में सोडियम ये चीनी या दोनों की मात्रा अधिक लेने पर।
  • लंबे समय से मूत्र वर्धक दवाएं लेना।
  • कैल्शियम आधारित दवा लेना।
  • आहार में चावल ,हरे पत्तेदार सब्जियां टमाटर और बीज आदि संबंधित चीजें खाना।

किडनी स्टोन की समस्या के जोखिम कारक क्या है

किडनी स्टोन के जोखिम कारक निम्न है।

  • यदि पहले किसी किडनी रोग से जूझ रहे हैं तो आपको किडनी की समस्या दोबारा हो सकती है।
  • अगर पहले भी किडनी स्टोन की समस्या रही है। तो भविष्य में स्टोन फिर से हो सकती है।
  • यदि कोई इन्फ्लेमेटरी बाउल रोग से जूझ चुका है। तो किडनी स्टोन होने की आशंका बनी रहती है।
  • कम एस्ट्रोजन स्तर वाली महिलाओं और जिन महिलाओं के अंडाशय से निकले हुए हैं। उन्हें किडनी की पथरी होने की संभावना अधिक होती है।
  • यदि कोई महिला मासिक धर्म के दौरान अधिक शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है तो उन्हें भी किडनी में स्टोन होने की संभावना होती है।
  • हायपरथाइरॉएडिज्म होने पर किडनी में पथरी समस्या हो सकती है।

किडनी स्टोन कितने प्रकार की होती है

किडनी स्टोन के चार प्रकार की होती है।

कैल्शियम स्टोन

कैलशियम स्टोन किडनी का सबसे साधारण प्रकार है। यह किडनी स्टोन कैलशियम ऑक्सलेट या फास्फोरस जैसे केमिकल के मेल से बनता है। जो व्यक्ति कम पानी पीते हैं। या ऑक्सलेट और फास्फोरस वाला आहार ज्यादा लेते हैं। उन्हें किडनी की समस्या अधिक होती है। 80% लोग इसी किडनी स्टोन का शिकार होते हैं।

यूरिक एसिड स्टोन

यूरिक एसिड किडनी स्टोन महिलाओं की तुलना में पुरुषों में अधिक पाया जाता है। यह किडनी स्टोन तब होता है जब पेशाब में यूरिक एसिड की मात्रा अधिक हो जाती है प्यूरिन युक्त आहार लेने की वजह से यूरिक एसिड स्टोन की समस्या सबसे अधिक होती है। प्यूरीन एक बेरंग पदार्थ होता है। जो कि पशु प्रोटीन में सबसे अधिक पाया जाता है। जो व्यक्ति अधिक मात्रा में मांसाहार लेते हैं। उन्हें यूरिक एसिड स्टोन की संभावना अधिक होती है।

स्टूवाइट स्टोन

स्टूवाइट स्टोन पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में अधिक हो सकता है। जो महिलाएं मूत्र पथ संक्रमण से जूझ रही होती हैं उन महिलाओं किडनी स्टोन होने की आशंका सबसे अधिक होती है। इस किडनी स्टोन होने का मतलब है कि अब मूत्र पथ संक्रमण काफी आगे बढ़ चुका है। और इसकी वजह से किडनी संक्रमित हो चुकी है इस किडनी स्टोन की वजह से पेशाब से जुडी जुडी समस्याएं बढ़ने लगती हैं।

सिस्टीन स्टोन

सिस्टीन स्टोन महिलाओं और पुरुषों दोनों में हो सकती है। यह किडनी स्टोन एक वंशागत रोग है। जो कि सिस्टीन के किडनीसे मूत्र में रिसाव की वजह से होता है। बाकी किडनी स्टोन के मुकाबले यह किडनी स्टोन काफी दुर्लभ होता है। आपको बता दें कि सिस्टीन एक गैरजरूरी अमीनो एसिड है। जो कि प्रोटीन बनाने और अन्य कार्यों में महत्वपूर्ण है। यह बीटा केराटीन में पाया जाता है।

किडनी स्टोन में मच्छर किस प्रकार दिखाई देते हैं

  • पेशाब का रंग बदलना
  • पेशाब में खून आना
  • पेशाब से काफी बदबू आना
  • सामान्य से पेशाब कम और ज्यादा होना
  • पेशाब की इच्छा महसूस होने पर पेशाब ना आना
  • ज्यादा पेशाब आना
  • भूख न लगना
  • रक्तचाप उच्च होना
  • कमजोरी महसूस होना
  • मचली आना
  • उल्टियां होना
  • पेट खराब होना
  • घबराहट होना
  • पसीना आना
  • ठंडे के साथ बुखार आना
  • मोटापा होना
  • अनुवांशिक लक्षण होना
  • कम पानी पीना
  • थोड़ी थोड़ी देर में पेशाब आना
  • अधिक नमक का सेवन करना

किडनी स्टोन होने पर क्या खाएं

किसी भी रोग के इलाज और रोकथाम के लिए खाद्य पदार्थ का सेवन अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। किडनी स्टोन होने पर निम्न खाद्य पदार्थ खाने चाहिए।

  • खट्टे फल जैसे अंगूर नींबू संतरा आदि खाने चाहिए।
  • कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ जैसे पनीर ,दूध, दही फलियां , हरी सब्जियां , नट और बीज का सेवन करना चाहिए।
  • लीन मांस खाना चाहिए।
  • कम वसा वाले आहार खाना चाहिए।
  • अधिक तरल पदार्थ विशेष रूप से पानी पीना चाहिए।

किडनी स्टोन होने पर क्या नहीं खाना चाहिए

  • अधिक नमक का सेवन करने से बचें।
  • डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ और चीनी ठंड अधिक खाने से बचें।
  • मैक्सिकन व्यंजन जिसमें सोडियम के अधिक मात्रा होती है ऐसे पदार्थ खाने से बचें।
  • सीमित पशु प्रोटीन खाने से बचें ,क्योंकि यह यूरिक एसिड किडनी स्टोन विकास के लिए जोखिम रहता है।
  • मांसाहार खाने बचें ।
  • चॉकलेट शकरकंद चुकंदर आदि ऑक्सलेट युक्त खाद्य पदार्थों से बचें।

किडनी स्टोन होने के लिए घरेलू उपचार क्या है

घरेलू उपचार से किडनी स्टोन को नियंत्रित किया जा सकता है।

अधिक पानी पिएं

किडनी स्टोन को नियंत्रित करने और उसे रोकने के लिए अधिक से अधिक पानी पीना चाहिए। अपने मूत्र पथ में किडनी स्टोन बनने से रोकने के लिए कम से कम प्रतिदिन 8 से 10 गिलास पानी पीना चाहिए ।2 से 3 लीटर पानी पीना आवश्यक है।

नींबू का रस

नींबू में साइट्रेट होता है। जो शरीर में जमा कैल्शियम को तोड़ने में मदद करता है। चीनी मुक्त नींबू पानी का सेवन करने से किडनी स्टोन का विकास विभाग धीमा हो जाता है।

सेब का सिरका

सेब का सिरका किडनी स्टोन को खत्म करने में काफी लाभदायक है। और आसानी से उपलब्ध और किफायती उपाय है। यह साइट्रिक एसिड सामग्री के कारण जमा कैल्शियम को तोड़ने में मदद करता है।

कैल्शियम

कैल्शियम की खुराक लेने से आपके किडनी स्टोन के विकास की दर रुक जाती है। इसलिए आपको कैल्शियम युक्त पदार्थ खाने चाहिए ।जैसे मछली ,चाइनीस ब्रोकली, डेयरी उत्पाद ,अनाज और कैल्शियम फोर्टीफाइड आनज का सेवन करना चाहिए।

अजवाइन की जड़

अजवाइन की जड़ एक सब्जी है। जिसमे एंटीऑक्सीडेंट और पोटेशियम होते हैं। जो कि गुर्दे के भीतर खनिज निर्माण को रोकते हैं। अजवाइन की जड़ के जूस का सेवन करना फायदेमंद होता है। इसमें छोटी-बड़ी सभी प्रकार की पथरी धीरे धीरे कट कर बाहर निकलने लगती है।

किडनी स्टोन के लिए सबसे अच्छी प्रभावी दवाएं

  • नेपरोक्सन सोडियम
  • इबुप्रोफेन
  • एसिटामिनोफेन
  • एलोपियुरिनॉल

निष्कर्ष

किडनी स्टोन की समस्या के कई मामले सामने आते रहते हैं ।इसलिए इस रोग की पहले ही रोकथाम करनी चाहिए। किडनी स्टोन को रोकने के लिए अनेक उपाय अपनाने चाहिए। यदि समस्या जटिल है और परेशानी बढ़ रही हो तो डॉक्टर के पास जाकर जरूर परामर्श लें।

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