दोस्तों बचपन कब जवानी में बदल जाए पता ही नहीं चलता। बचपन का जीवन सबसे मधुर और स्वर्ण काल माना जाता है। बचपन में खेले गए खेलों को जिंदगी में कभी कोई नहीं भूलता। चाहे वह रेस लगाना हो ,टापू खेलना हो ,कंचे खेलना हो, लट्टू नचाना हो ,गिल्ली डंडा खेलना हो ,ऊंची कूद लंबी कूद खेलना हो ,कुश्ती कबड्डी खेलना हो या फिर आखिर में रस्सी कूदना हो इन सभी खेलों को हम सबने बचपन में खेला है। बच्चे खेल-खेल में रस्सी कूदना बिल्कुल नहीं भूलते हैं। भारत में खेलते खेलते ही बच्चा रस्सी कूदना सीख जाता है। लेकिन रस्सी कूदने को बच्चों का खेल बिल्कुल भी ना समझे ।भले ही या एक लाजवाब एक्सरसाइज क्यों ना हो। रस्सी कूदने को अंग्रेजी में जंपिंग रोप स्किपिंग रोप भी कहा जाता है। जब हम बचपन में रस्सी खुदा करते थे। तो उसका महत्व नहीं जानते थे। लेकिन समय के साथ बड़े हुए हो तो उसके फायदे और नुकसान भी जानने लगे। आज हम इसी रस्सी कूद के फायदे और नुकसान जानेंगे ।इससे जुड़ी अन्य जानकारियां भी आपसे साझा करेंगे तो आइए जानते हैं। रस्सी क्यों कूदा जाता है।क्या है इसके फायदे और नुकसान की पूरी जानकारी।

रस्सी कूदना क्या है

रस्सी कूदना बच्चों के लिए ही नहीं बल्कि युवाओं के लिए मधुर और मनोरंजक खेल है। यह अधिक उम्र वालों के लिए संपूर्ण व्यायाम भी हैं। जिसमें व्यक्ति दोनों हाथों में एक रस्सी के दोनों छोड़ पकड़ कर अपने पीछे से आगे की ओर सिर के ऊपर से लाते हुए तेजी से रस्सी घुमा कर लाता है। जैसे ही रस्सी पैरों के पास आती है। तो दोनों पैरों के ऊपर पैरों से ऊपर उछलता है। और रस्सी पीछे चली जाती है। यह चक्र बार-बार चलता रहता है इसी को रस्सी कूदना कहते हैं। यह प्रक्रिया कई बार की जाती है।रस्सी कूदना एकदम सरल और बेहद फायदेमंद व्यायाम है ।रस्सी कूदने के लिए किसी इंस्ट्रक्टर की जरूरत नहीं होती है। और ना ही किसी प्रकार के मैदान की जरूरत होती है। रस्सी कूद आप अपने घर की छत या कमरे में भी कुछ सकते हैं। रस्सी कूदना ज्यादातर घरों में ही अच्छा माना जाता है।

रस्सी कूदने को संपूर्ण व्यायाम क्यों कहते हैं

रस्सी कूदने को संपूर्ण व्यायाम इसलिए कहते हैं क्योंकि इसमें सिर से लेकर पैर के अंगूठे तक शरीर के प्रत्येक हिस्से की गतिविधि होती है। शरीर के अंदर की हर मशीनरी भी चलती है। मस्तिक से लेकर पैर तक की शिराओं में रक्त प्रवाह में सुधार होता है। यह एक प्रकार से कार्डियो एक्सरसाइज है। जिसमें शरीर की कैलोरी बहुत तेजी से बर्न होती है। साथ ही स्टैमिना भी बढ़ता है। रस्सी कूद एक्सरसाइज आपका ध्यान लक्ष्य पर केंद्रित करता है। रस्सी कूदना आप को एकाग्रचित्त कर आपके शरीर को शांत करता है। एक रिपोर्ट के अनुसार रस्सी कूदना सबसे अच्छा कार्डियो व्यायाम कहा जाता है। यह गति को बढ़ाता है। इससे हृदय रोग नहीं होता और स्ट्रोक का खतरा कम हो जाता है। आप बिल्कुल स्वस्थ रहते है। रस्सी कूदने से पेट की चर्बी भी बहुत कम होती है। इससे मोटापा का खतरा भी नहीं रहता यदि आप अपने पेट की चर्बी कम करना चाहते हैं। तो आपको रोजाना रस्सी कूदना चाहिए।

रस्सी कितने प्रकार से कूदी जाती है

रस्सी चार प्रकार से कूदी जा सकती है जो निम्न है।

दोनों पैरों से कूदना: दोनों पैरों को एक साथ उठाकर रस्सी कूदना आसान और आम बात है। जो लोग पहली बार रस्सी कूदने के बारे में सोच रहे हैं। वह इस तरीके से शुरुआत कर सकते हैं। एक रस्सी लेकर अपने दोनों रस्सी को नीचे ले जाएं और नीचे जाते ही दोनों पैरों को उठा ले फिर रस्सी ऊपर से पार करते हुए नीचे आएगी। यह प्रक्रिया बार बार करें।

एक पैर से कूदना: इस तरीके को काफी अभ्यास के बाद ही किया जा सकता है। इसमें एक पैर से कूदा जाता है। जिससे पूरे शरीर का संतुलन बना रहता है। पूरे शरीर का संतुलन बनाना जरूरी होता है। अगर किसी ने रस्सी कूदना शुरू ही किया है ।तो ऐसे ना करें इसके लिए अभ्यास की जरूरत होती है।

कूदते हुए हाथ क्रास करना: इसमें व्यक्ति रस्सी घुमाते हुए अपने हाथों को सामने की तरफ क्रास करता है। और रस्सी कूदता है। यह बहुत कठिन है। जिसके लिए कड़े अभ्यास की जरूरत होती है। इसे केवल एक्सपोर्ट ही करते हैं। सामान्य तौर पर हर प्रकार से हर कोई इस प्रकार से रस्सी नहीं कूद सकता क्योंकि इसमें रस्सी के पैरों में फंसने का डर रहता है। जिससे व्यक्ति गिरकर घायल हो सकता है।

समूह में रस्सी कूदना: यह एक सरल तरीका है। रस्सी कूदने का इसमें दो बड़ी रस्सी के एक एक छोर को पकड़कर घुमाते हैं। और दो या तीन अधिक व्यक्ति अंदाजा लगाकर घूमती रस्सी के बीच बहुत तेजी से आते हैं। और रस्सी कूदना शुरू कर देते हैं। इसमें कितने व्यक्ति एक साथ हो सकते हैं। यह रस्सी की लंबाई पर निर्भर करता है। इस तरह की रस्सी कूदने पर आसानी तो होती है साथ में अगर बैलेंस बिगड़ गया तो गिरने का डर भी रहता है।

रस्सी कूदने के क्या फायदे है।

रस्सी कूदने के निम्न फायदे हैं

हृदय स्वास्थ्य में सुधार : रस्सी कूदने से हृदय को स्वस्थ रखा जा सकता है। दरअसल रस्सी कूदने से हृदय की क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। रस्सी कूदने से कार्डियो सरकुलेशन यानी ब्लड सरकुलेशन बेहतर होता है। जो ब्लड को पंप करने के लिए बहुत जरूरी होता है। हृदय के स्वस्थ रहने से हार्ट स्ट्रोक और हार्ट अटैक का खतरा कम होता है। यही वजह है कि रस्सी कूदना कार्डियो एक्सरसाइज की लिस्ट में आता है।

कैलोरी बर्न करने मददगार : अगर कोई व्यक्ति मोटापा कम करना चाहता है। तो उनके लिए रस्सी कूदना लाभकारी साबित हो सकता है। रोप स्कीपिंग से शरीर में मौजूद अतिरिक्त कैलोरी को बर्न करने में मदद मिल सकती है। इसलिए रोजाना रस्सी कूदने से कैलोरी बर्न होती है। जिसे धीरे-धीरे मोटापा कम होने लगता है।

स्टेमिना में सुधार: मोटर फंक्शन मांसपेशियों की कार्यप्रणाली से संबंधित होता है। वही रस्सी कूदने से मांसपेशियां बेहतर तरीके से काम करती हैं। इससे शरीर का संतुलन बनाए रखने में मदद मिल सकती है। इससे बच्चों के लिए अधिक लाभकारी माना जाता है । साथ ही रस्सी कूदने से शरीर का स्टैमिना भी बढ़ता है। और थकान से भी बचा जा सकता है। रस्सी कूदने से स्टैमिना आने से काम करने में अधिक शक्ति मिलती है।

पलमोनरी में सुधार: खराब खान-पान और जीवनशैली की वजह से कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा हो जाती हैं। इसमें पलमोनरी यानी फेफड़े में मौजूद एक प्रकार की धमनी भी है। पलमोनरी में समस्या आने पर फेफड़ों से जुड़ी बीमारी हो जाती है। यहां तक कि शासन प्रणाली भी प्रभावित हो सकती है। ऐसे में पलमोनरी धमनियों को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी होता है कि आप हर दिन रस्सी कूदने का सहारा ले। रस्सी कूदने से शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा में वृद्धि होती है। जिससे पर शरीर इससे फेफड़े की कार्यप्रणाली में सुधार होता है।

बोन डेंसिटी में सुधार: आजकल कई लोग ऑस्टियोपोरोसिस और उससे संबंधित समस्या से जूझ रहे हैं ।इस अवस्था में हड्डियां इतनी कमजोर हो जाती हैं कि जरा सा झटका लगने पर हड्डी टूटने का डर बना रहता है। बोनडेंसिटी में सुधार के विषय में एक रिपोर्ट के अनुसार रस्सी कूदने से बोनडेंसिटी में सुधार होता है। और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्या से बचने के लिए आपको अपनी दिनचर्या में रस्सी कूदने को शामिल करना चाहिए।

मानसिक स्वास्थ्य के लिए : शारीरिक गतिविधि का मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। अगर आप डिप्रेशन या अवसाद से जूझ रहे हैं। तो आपको नियमित तौर पर सुबह रस्सी कूदना चाहिए या आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकता है। रस्सी कूदने से आपकी मानसिक स्वास्थ्य तो ठीक ही होता है। साथ ही आप सकारात्मक सोचने का प्रयास करते हैं।

जोड़ों के दर्द की लाभदायक: रस्सी कूदने के फायदे जोड़ों के लिए भी हो सकते हैं। नियमित रूप से रस्सी कूदने से घुटने और कंधों के जोड़ों की गतिविधि में तेजी आती है। इसका सकारात्मक असर जोड़ों पर दिखाई देता है। रस्सी कूदने से सुधार होता है। इसमें जोड़ो दर्द से राहत मिलती है।

क्या रस्सी कूदने से लड़कियों के ब्रेस्ट में ढीलापन आ जाता है

ऐसा नहीं है कि रस्सी सिर्फ पुरुष ही पूछ सकते हैं रस्सी लड़कियां भी कूदती हैं। लेकिन उनके मन में एक सवाल उत्पन्न होता है। कि क्या रस्सी कूदने से उनके ब्रेस्ट ढीले हो जाएंगे। जानकारी के मुताबिक रस्सी कूदने से महिलाओं के ब्रेस्ट ढीले नहीं होते हैं l। स्पीकिंग रोग एक सिंपल कार्डियोवैस्कुलर ट्रेनिंग है। जिससे शरीर का हॉट और फैट परसेंटेज बहुत ही अच्छा होता है । रस्सी कूद एक अच्छी फैट और वेट लॉस ट्रेनिंग है। इसे सभी महिलाओं को करना चाहिए। इससे फैट लूज होता है। रस्सी कूदने से ब्रेस्ट का लूज होना अपवाद है। महिलाओं को रस्सी कूदने समय समय अच्छी स्पोर्ट्स ब्रा पहननी चाहिए। अधिक टाइट ब्रा पहनने से ब्रेस्ट सुडोल और टाइट बने रहेंगे।

रस्सी कूदने के नुकसान और सावधानियां

  • रस्सी कूदने से पहले स्ट्रीचिंग यानी शरीर में खिंचाव वाली एक्सरसाइज जरूर करें।
  • रस्सी कूदते समय हमेशा टाइमिंग का ध्यान रखें। आपकी कमर बिल्कुल सीधी और नीचे सामने की तरफ हो।
  • रस्सी कूद के समय अपने पंजों का इस्तेमाल करें ना कि पूरे पैर का, इससे आपको चोट लगने की शिकायत हो सकती है।
  • हमेशा याद रखे हाथ की गति और आपके कूदने की गति में तालमेल हो नहीं तो आप गिर सकते हैं।
  • खाना खाने के तुरंत बाद या और पानी पीने के तुरंत बाद रस्सी कूदने से बचे ।
  • अगर आप पहली बार रस्सी कूद रहे हैं। तो एक्सपर्ट की राय जरूर ले।
  • रस्सी कूदने के लिए हमेशा अच्छी रस्सी का उपयोग करें खराब का उपयोग ना करें।
  • अगर आपके पैर में किसी प्रकार की चोट है या घुटने में चोट है तो आप रस्सी कूदने से बचे ।

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