पैरालिसिस जिसे हम लकवा भी कहते हैं। यह एक ऐसी स्थित होती है जिसमें शरीर की एक या इससे अधिक मांसपेशियां सही तरीके से काम करना बंद कर देती हैं। और इससे शरीर के कई कार्य प्रभावित हो जाते हैं। पैरालिसिस आमतौर पर मांसपेशियों की समस्या के कारण नहीं होता है बल्कि मस्तिष्क द्वारा मांसपेशियों को नियंत्रित करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली नसों या रीढ़ की हड्डी में समस्याओं के कारण होता है। सामान्य तौर पर पैरालिसिस 2 मुख्य कारणों से होता है। तंत्रिका तंत्र की नसों में रुकावट और दूसरी धमनियों का ब्लॉक हो जाना। पैरालिसिस की स्थिति तब होती है। जब शरीर के किसी खास अंग से मस्तिष्क तक सूचना पहुंचाने वाली तंत्रिका तंत्र की नसें छतिग्रस्त हो जाती हैं। और वह मस्तिष्क को पर्याप्त सूचना नहीं दे पाती हैं। जिसके कारण शरीर पैरालिसिस हो जाता है। दरअसल हमारे शरीर के सभी अंगों की नसें कमर के आस पास ही होती हैं। और अगर कमर में गहरी चोट लग जाए तो कोई ना कोई अंग इस समस्या का शिकार हो जाता है।
पैरालिसिस होने के क्या कारण हैं
रक्त वाहिनी के फटने से भी व्यक्ति पैरालिसिस का शिकार हो सकता है। इस बात पर ध्यान देना जरूरी है कि पैरालिसिस आमतौर पर हाई ब्लड प्रेशर रोगियों को अपना शिकार बनाता है। दरअसल हमारे शरीर के अंदर मौजूद धमनियां ज्यादा मोटी होती हैं। जबकि हमारे मस्तिष्क के अंदर की रक्त आपूर्ति करने वाली धमनी बेहद पतली और छोटी होती हैं। ब्लड प्रेशर में लगातार उतार-चढ़ाव के कारण अक्सर यह रक्त धमनियों फट जाती हैं। जिससे मनुष्य लकवा ग्रस्त हो जाता है। पैरालिसिस होने के अन्य कारण इस प्रकार हैं। जो निम्न लिखित है।
आघात
आघात एक गंभीर समस्या है। आमतौर पर ऐसी दिक्कत तब होती है। जब मस्तिष्क में खून की आपूर्ति बाधित हो जाती है। अन्य अंगों की तरह मस्तिष्क को भी सही तरीके से काम करने के लिए लगातार रक्त की आपूर्ति की जरूरत पड़ती है। जिसमें आक्सीजन और पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। जब मस्तिष्क में रक्त आपूर्ति बाधित हो जाती है। तो कोशिकाएं नष्ट होने लगती हैं। जिसके कारण मस्तिष्क काम करना बंद कर देता है।
सिर पर चोट
सिर में गंभीर चोट लगने के कारण मस्तिष्क डैमेज हो जाता है। मस्तिष्क की परत में खरोंच या चोट के कारण रक्त वाहिनी और तंत्रिका डैमेज हो जाती है। सिर में गंभीर चोट लगने के कारण विशेष मांसपेशियों को नियंत्रित करने वाला मस्तिष्क का एक हिस्सा डैमेज हो जाता है। ऐसे में व्यक्ति लकवा ग्रस्त हो जाता है। मस्तिष्क का बायां हिस्सा डैमेज होने पर शरीर का दायां हिस्सा डैमेज हो जाता है। और इसी प्रकार दायां हिस्सा डैमेज होने पर बायां हिस्सा काम करना बंद कर देता है।
रीड की हड्डी में चोट
रीढ़ की हड्डी केंद्रीय तंत्रिका तंत्र का हिस्सा है। यह नसों का मोटा बंडल होता है। जो मस्तिष्क से उसके गर्दन और रीढ़ के कशेरुक से जुड़ा होता है। इसका मुख्य कारण मस्तिष्क और शरीर के संकेतों को भेजना होता है। उदाहरण के लिए रीढ़ हड्डी तंत्रिका संकेतों से गुजरती है। जैसे – गर्म या ठंडा महसूस होना। यदि रीढ़ की हड्डी में घायल हो जाती है। तो यह संकेत नहीं भेज पाएगा। इसका सबसे अधिक प्रभाव तब पड़ता है। जब मोटर वाहन दुर्घटना हो, काम करते समय दुर्घटना ,खेल के दौरान दुर्घटना आदि।
पैरालिसिस के लक्षण क्या है
पैरालिसिस के निम्न लक्षण है।
- चेहरे का एक तरफ टेढ़ा होना
- आंखों का लटकना
- हाथों का ऊपर ना उठना
- स्पष्ट रूप से ना बोल पाना
- तोतलाकर पढ़ना
- झुनझुनाहट होना
- चोट के स्थान पर दर्द होना
- गांठ पड़ जाना
स्लीप पैरालिसिस क्या होता है
स्लीप पैरालिसिस एक ऐसी बीमारी है। जिसमें व्यक्ति नींद में जागने उठने और बोलने में असमर्थ हो जाता है। वह नींद में काल्पनिक वस्तु को महसूस कर सकता है। किसी रोग को देख सकता है। उसे सुन सकता है। लेकिन उठ नहीं पाता है। इसलिए पैरालिसिस में कभी-कभी व्यक्ति का दम घुटने लगता है। यह महज कुछ घंटो तक रहता है। लेकिन इलाज न किया गया तो यह गंभीर हो सकता है। स्लीप पैरालिसिस होने के कारण नींद ना पूरी होना, सोने के समय में बदलाव होना, शराब धूम्रपान का सेवन करना, पीठ के बल सोना , आदि कारण होते हैं। स्लीप पैरालिसिस के लक्षण इस प्रकार दिखाई देते हैं। नींद में बड़बड़ाना, बोलने में असमर्थता होना ,सांस लेने दिक्कत होना, डर लगना , बुरे सपने देखना इत्यादि।
पैरालिसिस होने के क्या नुकसान हैं
- पैरालिसिस के कारण शरीर में अन्य प्रकार की स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं विकसित होना आम बात है। लकवा से प्रभावित कई लोग हैं। जो विशेष रूप से मूत्र और आंत्र से प्रभावित होते है। इसके अलावा लकवा के कारण पुरुषों और महिलाओं में दोनों में यौन गतिविधियों पर भी नकारात्मक असर पड़ता है।
- शरीर की कुछ मशपेशियां ज्यादातर दबाव में रहती हैं। उन पर प्रेशर पड़ता है। ऐसे में अल्सर बीमारी भी हो सकती है।
- लकवा से ग्रसित काफी सारे लोगों में अन्य समस्याओं के साथ-साथ उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
- जब किसी व्यक्ति में लकवा विकसित होने लगता है तो उसमें तनाव और अवसाद बहुत आम बात होती है। क्योंकि वह जिस तरीके से अपना जीवन जीने की आदी होते हैं। उस तरीके से भी जी नहीं पाते और उन्हे एजस्ट करने में कठिनाई होने लगती है।
पैरालिसिस मरीज को रीढ़ की हड्डी से को लेकर क्या परेशानी उठानी पड़ती है
- मानव शरीर बिना रीढ़ के एक मिनट भी खड़ा नही हो सकता है। क्योंकि इसी रीढ़ के पीछे मशपेशियों का गुच्छा पड़ा होता है।
- रीढ़ कुल 24 कशेरुक से मिलकर बनी होती हैं।
- गर्दन में 7 सरवाइकल कशेरूक इन्हे c 1 से c7 के रूप में मापा जाता है।
- छाती क्षेत्र में 12 थोरेसिक कशेरुक इन्हें T 1 se T 12 के रूप में मापा जाता है।
- पीठ के निचले हिस्से में पांच लैंबर कशेरुका इन्हें L 1 से L 5 के रूप में जाना जाता है।
- C1 से C 7 के बीच चोट लगने से पीड़ित व्यक्ति को कभी भी लकवा मारने की संभावना होती है।
पैरालिसिस की जांच कैसे करे
एक्स-रे
इसमें हड्डियों के सघन क्षेत्र का चित्र लेने के लिए शरीर के जरिए विकरण की छोटी खुराक छोड़ी जाती है। एक्स-रे आपके रीढ़ और गर्दन की समस्या का आकलन करने का एक उपयोगी तरीका है।
सिटी स्कैन
इसमें हड्डियों और उत्तको का स्पष्ट चित्र लेने के लिए कंप्यूटर का इस्तेमाल किया जाता है। शरीर के गंभीर चोट या रीढ़ की हड्डी की चोट की मात्रा का आकलन करने के लिए सीटी स्कैन का उपयोग करते हैं।
एम आर आई
इसमें शरीर के अंदर का विस्तार चित्र लेने के लिए मजबूत चुंबकीय क्षेत्र और रेडियो तरंगों का उपयोग किया जाता है। एमआरआई स्कैन मस्तिष्क क्षति या रीढ़ की हड्डी को नुकसान का पता लगाने के लिए किया जाता है।
माइलोग्राफी
रीढ़ की हड्डी में तंत्रिका तंतुओं की अधिक विस्तार से जांच करने का एक तरीका यह है कि कुछ तरल पदार्थ को नसों में इंजेक्ट किया जाता है। जिसमें एक्सरे , सिटी स्कैन एमआरआई बहुत ही स्पष्ट रूप दिखाई देते है।
इलेक्ट्रोग्राफी
इसमें मांसपेशियां और नसों में विद्युत गतिविधि को मापने के लिए सेंसर का उपयोग किया जाता है।
पैरालिसिस पर क्या खाना चाहिए
पैरालिसिस के मरीज के लिए गेहूं, जौ ,बाजरा ,दाल ,हरी सब्जियां ,पत्तागोभी ,ब्रोकली ,अनार आदि चीजें खानी चाहिए। साथ ही दूध , घी का सेवन अधिक करना चाहिए।
पैरालिसिस पर क्या नहीं खाना चाहिए
इस तरह के मरीज को बासी खाना , अधिक चॉकलेट,अधिक मसालेदार और तला हुआ भोजन नही करना चाहिए।
पैरालिसिस मरीज की जीवन शैली कैसी होनी चाहिए
- पैरालिसिस मरीजों को सिर पर मालिश करना चाहिए।
- पैरों में हल्के हल्के दबाव को महसूस करना चाहिए।
- ताजा गर्म भोजन करना चाहिए।
- भोजन धीरे-धीरे चबाकर खाना चाहिए।
- हमेशा खुश रहना चाहिए।
- किसी चीज की टेंशन नहीं लेनी चाहिए।
- ज्यादा अधिक भोजन से परहेज करना चाहिए।
- भोजन करने के बाद 5 से 0 में टहलना चाहिए।
- रोजाना सूर्योदय से पहले दिन उठना चाहिए। योग और एक्सरसाइज करनी चाहिए।
- सुबह उठकर गुनगुना पानी पीना चाहिए।
- तनाव मुक्त रहना चाहिए।
क्या है पैरालिसिस का इलाज
पैरालिसिस इलाज के लिए योग बहुत ही उत्तम इलाज है। रोजाना योग करना चाहिए जैसे , भस्त्रिका, कपालभांति,अनुलोम विलोम, भ्रामरी, प्रनव जप आदि। साथ ही पैरालिसिस मरीज को फिजियोथेरेपी करानी चाहिए और सामान्य एक्सरसाइज भी करनी चाहिए।
निष्कर्ष
पैरालिसिस एक गंभीर बीमारी है। यह बीमारी किसी भी पुरुष , महिला को किसी भी अवस्था में हो सकती है। ज्यादातर पैरालिसिस चोट लगने, अधिक तनाव लेने से होती है। इस बीमारी का इलाज संभव है। आपको हमने आर्टिकल में कई महत्वपूर्ण जानकारी दी हैं। उम्मीद है आपको पसंद आई होंगी।
ये भी पढ़े :
- Fungal Infection in hindi
- UTI in Hindi
- पोलियो क्या है
- पैरालिसिस क्यों होता है
- किडनी स्टोन क्या है
- हैजा क्या होता है
- Dengue Home Remedies in Hindi
- अल्सर क्या होता है लक्षण ,कारण और उपाय
- हार्ट अटैक क्या है? लक्षण, कारण और उपचार
- जोड़ों में दर्द क्यों होता है क्या इसके लक्षण कारण और इलाज
- ब्रेन ट्यूमर क्या है इसे कैसे कम किया जा सकता है
- पायरिया क्या होता है जानिए इसके कारण, लक्षण और उपचार
- अल्जाइमर रोग क्या है जानिए लक्षण, कारण और उपचार
- टीबी क्या है? जानिए कारण, लक्षण और उपचार
- चोट क्या है? जानिए कारण, लक्षण और उपाय
- घुटने में दर्द , कारण, व उपचार की विस्तृत जानकारी
- मोतियाबिंद क्या होता है कैसे होता है कारण लक्षण उपचार की विस्तृत जानकारी
- बॉडी बनाने की आयुर्वेदिक दवा
- पेट की चर्बी कैसे कम करें
- Cancer in Hindi – क्या होता है कैंसर?
- कॉक्सी वायरस क्या है? कारण, लक्षण ,और उपचार
- Piles ke Upay in Hindi:
- दालों का इतिहास, फायदा, नुकसान
- Filaria in Hindi
- Dysentery in Hindi
- निमोनिया क्या है?
- Chikungunya in Hindi
- Pancreatic cancer Kya hota hai
- Scurvy Kya hota hai
- Skin Diseases in Hindi
- Blood cancer in Hindi
- stroke in hindi
- Wilson Disease in Hindi
- Headache in Hindi
- Tetanus in Hindi
- Slip disk in hindi
- Weight lose tips in Hindi
- Home Remedy For Piles in Hindi
- Weight gain diet plan in Hindi