दांतो को सेहत और सुंदरता का आईना माना जाता है। लेकिन जाड़े के मौसम में खान-पान के बाद मुंह की साफ सफाई में कोताही बरतना आम बात है। यही कोताही दांतों में बीमारी बन कर रह जाती है। शरीर में किसी भी एक अंग का ठीक से काम न करने का असर पूरे शरीर पर पड़ता है। इसलिए सेहत का ख्याल रखना जरूरी है। शरीर का एक-एक अंग हमारे लिए महत्वपूर्ण है। अगर शरीर के किसी भी हिस्से पर बीमारी होती है।तो पूरे शरीर में कमजोरी होने लगती है। और ऐसे ही एक बीमारी है। पायरिया , जो दांतो से जुड़ी एक बीमारी है। लेकिन कई बार लोग अपने दांतो की साफ सफाई करने में ठीक से ध्यान नहीं देते और ऐसे में दांतो से जुड़ी परेशानी हो जाती है। उनकी परेशानियों में से एक है पायरिया एक गंभीर बीमारी तो बिलकुल नहीं है। दांतो का ख्याल ठीक तरह से ना रखने पर मसूड़े कमजोर होने लगते हैं। और पर यह जैसी बीमारी हो जाती है। आज हम आपक पायरिया से संबंधित पूरी जानकारी देंगे।

क्या होता है पायरिया

पायरिया शरीर में कैल्शियम की कमी होने मसूड़ों की खराबी और दांत मुंह की साफ सफाई में कमी रहने से होता है। इस रोग में मसूड़े पिलपीले और खराब हो जाते हैं। और इनसे खून आने लगता है। सांसों की बदबू की वजह पायरिया को ही माना जाता है। असल में मुंह में 700 किस्म के बैक्टीरिया होते हैं। इनकी संख्या करोड़ों में भी होती है। अगर समय पर मुंह, दांत और जीभ की साफ सफाई नहीं की जाए तो पायरिया दांतों और मसूड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं। पायरिया होने पर दांतों को सपोर्ट करने वाला जबड़ों को भी नुकसान पहुंचाता है। सभी दांतो को सहारा देने वाले टिशू को भी प्रभावित करता है। और पायरिया होने पर अक्सर दांत टूट कर गिर जाते हैं।

पायरिया होने के क्या कारण है

जब प्रारंभिक समय में मसूड़ों की सूजन और संक्रमण का इलाज नहीं होता है। तब यही संक्रमण पायरिया का रूप ले लेता है। दांत और दांतो को भी सहारा देने वाली हड्डियों में इंफेक्शन मसूड़ों से फैलता है। पायरिया ग्रस्त व्यक्ति के मसूड़े और हड्डियां अपने आप को दांतो से दूर खींचने लगते हैं। जैसे दांत और मसूड़ों के बीच खाली जगह बन जाती है। बाद में इस पॉकेट में प्लैक या मैल भरने लगता है। दांत के नरम उतको में सूजन आने लगती है। और धीरे-धीरे इसमें सड़न पैदा होने लगती है। पायरिया होने के निम्न कारण है।

धूम्रपान करना

मसूड़ों की बीमारी के लिए धूम्रपान को सबसे महत्वपूर्ण जोखिम माना गया है। तंबाकू के इस्तेमाल से मसूड़ों की बीमारी होती है। दरअसल तंबाकू में हानिकारक बैक्टीरिया पनपने के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाते हैं। धूम्रपान न करने वाले लोगों के लिए के मुकाबले धूम्रपान करने वाले लोगों में ट्रीटमेंट का प्रभाव देरी से होता है।

जेनेटिक गुण

कई बार सब कुछ ठीक तरीके से करते रहने के बाद भी मसूड़ों की बीमारी हो जाती है। आबादी का लगभग एक तिहाई हिस्सा मसूड़ों की समस्या से ग्रस्त है। और यह ओरल हेल्थ समस्या में अनुवांशिक गुण होते हैं। कई बार परिवारिक से जुड़ी बीमारियां आने वाली पीढ़ी को हो जाती है।

दवाएं

डॉक्टर द्वारा दी गई ओवर द काउंटर अवसाद रोधी दवाएं एंटीहिस्टामाइन जैसी तमाम दवाओं में ऐसे तत्व होते हैं। जो मुंह में लार बनने की क्रिया को धीमा कर देते हैं। लार दांतो को साफ रखने में मदद करती है। जिसमें बैक्टीरिया की वृद्धि पर रोकथाम होती है। इसलिए लार की कम मात्रा होने से मैल और दांत और मसूड़ों जमा होने लगता है।

डायबिटीज

ऐसी कई स्वस्थ्य समस्या है। जो मसूड़ों को भी नुकसान पहुंचा सकती है। इनमें से एक है डायबिटीज यानी मधुमेह।
डायबिटीज होने से शरीर में कई तरह के और संक्रमण होने की संभावनाएं बढ़ती रहती है। इनमें मसूड़ों में इंफेक्शन मसूड़ों में सूजन पायरिया यह दोनों इंसुलिन इस्तेमाल करने की क्षमता को बिगाड़ देते हैं। जिससे शुगर को कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है।

पोषण और हारमोंस की कमी

यदि आहार में विटामिन बी और सी कैल्शियम आदि पोषक तत्व ना हो तो यह स्थित मसूड़ों के रोगों बढ़ावा देता है। इसलिए कैल्शियम होना जरूरी है। साथ ही विटामिन से संबंधित चीजें शामिल करना जरूरी है। गर्भावस्था, मोनोपॉज यहां तक कि मासिक धर्म के दौरान होने वाली हर बदलाव मसूड़ों में पायरिया होने के प्रति असंवेदनशील होते है।

पायरिया से कैसे करें बचाव

  • दांतों को स्वस्थ बनाने के लिए ओरल हाइजीन जरूरी है।
  • सुबह उठने के बाद और रात को सोने से पहले ब्रश अवश्य करना चाहिए।
  • ब्रश करने की तरह फ्लशिंग करने की भी आदत डालें इससे दांत की सफाई अच्छे से होती है।
  • दांतो से जुड़ी छोटी-छोटी परेशानी दर्द को इग्नोर करें तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
  • नियमित जांच से परेशानी को कम करने की कोशिश करें।
  • सिगरेट या तंबाकू से दूरी बनाए।
  • कोशिश करें मुंह को गिला रखने की इससे सलाइवा बनेगा जो इंफेक्शन से बचाएगा।
  • खुद से इलाज ना करें । किसी भी तरह की दिक्कत होने पर डॉक्टर से तुरंत परामर्श करें ।

पायरिया होने पर इन खाद्य पदार्थों सेवन करें

  • पोषक तत्व और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर क्रेनबेरी दांतों और मसूड़ों के लिए अच्छा स्रोत है।
  • अदरक और लहसुन के सेवन से दांतों और मसूड़ों की परेशानी कम होगी।
  • दिन में एक से दो कब ग्रीन टी से आए थे स्वस्थ रखने के साथ दांतो की सो सकती है
  • सोयाबीन में पर्याप्त मौजूद पर्याप्त विटामिन और मजनू फायदेमंद होता है।
  • ब्रोकली का सेवन फायदेमंद है।
  • दांतो के लिए चिंगम चबाने की आदत डालें लेकिन ध्यान रहे ज्यादा देर तक नहीं।
  • लाल और हरी मिर्च के शौकीन है तो इसका सेवन फायदेमंद है।

पपायरिया से लड़ने के लिए घरेलू नुक्से

  • गाजर और पालक का रस पीने से फायदेमंद होता है।
  • सेंधा नमक या अनार के छिलके का पाउडर बनाकर ने में दांतो पर मसाज करें।
  • खाने के बाद ठीक तरह से कुल्ला करने से दांतों की सफाई हो जाती है। रोजाना ब्रश करें।
  • गुनगुने पानी में नमक डालकर कुल्ला करें
  • तुलसी और नीम की पत्ती चबा सकते है।
  • नीम का दातून करें।
  • लौंग खाना उपयोगी है।

पायरिया होने पर क्या परहेज करें

  • स्वीट फ्रूट ना खाएं
  • ड्राई फ्रूट्स ना खाएं
  • खट्टी स्वाद वाली कैंडी से दूरी बनाएं
  • ब्रेड
  • अल्कोहल का बोनेट ड्रिंक्स
  • बर्फ
  • खट्टे फल
  • आलू की चिप्स से दूरी बनाएं

पायरिया का इलाज़

पायरिया का इलाज निम्न प्रकार से किया जा सकता है।

स्केलिंग या रूट प्लानिंग

यह दांत और मसूड़ों की अच्छी तरह से की जाने वाली सफाई होती है। इससे मेडिकल ट्रीटमेंट में मसूड़ों की लाइनें के ऊपर और नीचे से दांतो पर मौजूद मैल को साफ किया जाता है।

एंटीबायोटिक के जरिए

मुंह में संकरण और सूजन को रोकने के लिए स्केलिंग और रूट प्लानिंग के साथ-साथ कुछ दवाओं का भी उपयोग किया जा सकता है। यह कई अलग-अलग प्रकार की होती हैं। जो मेडिकेटेड माउथवॉश से लेकर एंटीबायोटिक युक्त जैल या फाइबर हो सकते हैं। इनको मसूड़ों के पास रखकर धीरे धीरे बैक्टीरिया को मारने में आसानी होती है।

सर्जरी के जरिए

पेरियोडोंटाइटिस से किए गए गंभीर मामलों में दंत चिकित्सक को बुरी तरह से खराब हो चुके मसूड़ों को खोलकर उसे साफ करने की भी आवश्यकता होती है इसके बाद दांत के चारो ओर टांके लगाकर मसूड़ों को बंद किया जाता है। यह गंभीर स्थिति में होता है यह इसलिए समय-समय पर डॉक्टर से परामर्श लेते रहें।

जिंजीवल ग्राफ्टिंग

अगर मसूड़ों के टिश्यू सिलाई करने के कारण पूरी तरह से प्रभावित हो गए हैं। तो डेंटिस्ट खराब हो शुरू को हटा देते हैं इसके बाद के किसी स्वस्थ हिस्से से मसूड़े को निकाल कर हटाए गए मसूड़ों के स्थान पर लगा देते हैं।

मसूड़े की सूजन को पायरिया में बदलने में कितना समय लगता है।

मसूड़े की सूजन को सही समय पर रोजाना ब्रश करके और क्रॉसिंग के जरिए ठीक किया जा सकता है मसूड़े की सूजन को कितने दिन में ठीक किया जा सकता है मसूड़े की सूजन पारियों में लगभग 2 से 3 महीने में समय लगता है।

पायरिया के लिए सबसे अच्छा टूथपेस्ट कौन सा है।

पायरिया के लिए फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट सबसे अच्छा माना जाता है।

क्या पायरिया बीमारी को ठीक कर सकते हैं।

पायरिया बीमारी कोई गंभीर बीमारी नहीं है अगर समय पर इसकी देखभाल की जाती है तो ठीक किया जा सकता है।

अगर आप इस बीमारी का इलाज नहीं करते तो क्या होगा।

पायरिया का उपचार न करने पर शरीर के दूसरे अंगों पर इसका बुरा असर पड़ेगा ऐसे लोगों में हृदय को रोकने या ब्लड ग्लूकोज के स्तर नियंत्रित करने परेशानी हो सकती है। ऐसे कई साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं।

निष्कर्ष

दोस्तों जब हम हंसते हैं। तो सबसे पहले हमारे दांत दिखते हैं। दांत चेहरे को खूबसूरत बनाते है। अगर ऐसे में दांतो मे कोई बीमारी लग जाए तो हमें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं। हमने आपको इस लेख में दांतो से जुड़ी एक बीमारी पायरिया के बारे में बताया हैं। जो महत्वपूर्ण जानकारी हैं। इस लेख को पढ़कर आप पायरिया बीमारी और उपचार को अच्छी तरह समझ सकते है।

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