जोड़ों में दर्द क्यों होता है क्या इसके लक्षण कारण और इलाज

आमतौर पर जोड़ों में दर्द का प्रमुख कारण आर्थराइटिस यानी गठिया होता है। जोड़ों का दर्द सामान्य दिनों में भी हो सकता है। और ठंड के सीजन पर यह जोड़ों का दर्द बढ़ जाता है। ठंड के कारण जोड़ों की धमनियां सिकुड़ जाती हैं। धमनियों के सिकुड़ने से जोड़ों में रक्त का तापमान कम हो जाता है। और रक्त उपचार की प्रक्रिया संक्षिप्त रूप से संचालित नहीं होती। इसके परिणाम स्वरूप जोड़ों में अकड़न होने लगती है। और दर्द होने लगता है ठंड के समय तापमान में मांसपेशियों में ऐंठन बढ़ जाती है। जोड़ों का दर्द क्या है। इसके कारण लक्षण और उपचार की पूरी विस्तृत जानकारी आइए जानते हैं।

जोड़ों का दर्द क्या है

जोड़ों का दर्द एक सामान्य स्थिति है। जो शरीर में एक या अधिक जोड़ों में दर्द असहजता या कष्ट की विशेषता है। प्रभावित जोड़ आमतौर पर घुटने कंधे गर्दन , कोहनी और पूरे शरीर के ज्वाइंट में कहीं भी हो सकता है। दर्द की तीव्रता और अवधि के कारण इस बात निर्भर करती है। दर्द आमतौर पर अस्थाई अथवा स्थाई है। यह दर्द अपने आप भी कम होने लगता है। हालांकि अगर दर्द अंतर्निहित चिकित्सा स्थित जैसे तनाव ,गठिया ओस्टियोआर्थराइटिस बर्सिटिस ,रूमेटाइड , जोड़ों में कैंसर आदि कारण होता है। तो इसका उपचार जरूरी है। जिन्हें पहले से गठिया है। ठंड में उनकी समस्याएं कहीं ज्यादा बढ़ जाती हैं। वैसे गठिया के कई प्रकार हैं। लेकिन जो लोग ऑस्ट्रियाअर्थराइटिस, रूमेटाइड से पीड़ित है। उन्हें ठंड की शुरुआत से ही दर्द और सूजन परेशान करने लगता है। अर्थराइटिस से पीड़ित बच्चों में भी दर्द बढ़ जाता है। इसके अलावा पहले भी दुर्घटना में हड्डियां और लिगामेंट क्षतिग्रस्त हुए है। तो ऐसी स्थित में मौसम के कारण जोड़ों में दर्द बढ़ जाता है। ज्यादातर जोड़ों में दर्द 50 वर्ष की आयु के बाद ही बढ़ता है। ऐसे में दर्द के साथ सूजन की समस्याएं उभर आती हैं।

क्या है जोड़ों का दर्द के लक्षण

जोड़ों के दर्द से जुड़े कुछ सबसे आम संकेत और लक्षण इस प्रकार हैं।

  • गंभीर या मध्यम दर्द होना
  • जोड़ों का अकड़ जाना
  • संयुक्त रूप से कई जोड़ दर्द होना
  • जोड़ों में सूजन जोड़ों में गर्मी
  • जॉइंट लॉकिंग
  • जोड़ों की जगह पर नीला पड़ जाना
  • जोड़ों की जग लाल पड़ जाना
  • घुटना, कोहनी गर्दन ना मोड़ना।

जोड़ों में दर्द और गठिया में क्या अंतर है।

अर्थराइटिस यानी गठिया जोड़ों की सूजन को कहा जाता है। और आरती लीजिए गठिया का एक लक्षण होता है दोनों में अंतर निम्न प्रकार है।

  • हालांकि दोनों जोड़ों में दर्द और गठिया में कई लक्षण एक जैसे हो सकते हैं। मगर जोड़ों में कोई सूजन नहीं होने का मतलब है कि आपको केवल जोड़ों में दर्द और सूजन के साथ दर्द होने का मतलब है आपको गठिया है।
  • जोड़ों में दर्द के लक्षण निर्मित या रोजाना हो सकते हैं। या काफी समय में केवल एक बार होता है। इसमें जलन खुजली ,सुन होना, दर्द या कोमलता ,लाली गर्माहट ,सूजन गतिविधि में कमी कठोरता झुनझुनी और अन्य समान लक्षण होते हैं। जबकि गठिया में जोड़ों में दर्द जोड़ों की जकड़न और सूजन होते हैं।
  • जोड़ों में दर्द किसी चोट संक्रमण प्रतिरक्षा विकार एलर्जी प्रतिक्रियाओं और अब जन्म संबंधी बीमारी के कारण हो सकता है। गठिया का कारण इसके प्रकार पर निर्भर करता है। उदाहरण के लिए जोड़ों के बीच उपस्थित कार्टिलेज के क्षरण के कारण या ऑस्ट्रिया अार्थराइटिस होता है।
  • जोखिम और जटिलताओं के मामले में गठिया और जोड़ों में काफी दर्द समान होता है।
  • जोड़ों में दर्द का मतलब यह नहीं है कि आपको गठिया है। हालांकि यदि आपको गठिया है। तो आपको जोड़ों में दर्द भी हो सकता है।

जोड़ों में दर्द का संकेत कैसे मिलता है

जोड़ों का दर्द आजकल आम स्वास्थ्य समस्याओं में से एक बन गया है। जो आमतौर पर उम्रदराज व्यक्तियों को प्रभावित करता है। जोड़ों में दर्द और सूजन के साथ हो सकते है। जो बीच में मौजूद आर्टिकुलर कार्टिलेज के टूटने के कारण होता है। जोड़ों का दर्द न लिखित स्थितियों में संकेत देता है।

ओस्टियोआर्थराइटिस

यह जोड़ों की सूजन की सबसे आम स्थित होती है

रूमेटाइड गठिया

यह एक ऑटो इम्यून प्रकार का गठिया है। जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अपनी स्वस्थ कोशिकाओं पर हमला करती है।

बरसाइटिस

यह द्रव की थैली में सूजन का एक प्रकार है। जो जोड़ों को कुशन करने में मदद करता है।

गाउट

गठिया का यह रूप पैर की उंगलियों के जोड़ों पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है तनाव , मोच या अन्य चोटें हो सकती है।

जोड़ों के दर्द का क्या कारण है

जोड़ों का दर्द कई चिकित्सकीय अतिथियों का परिणाम हो सकता है। इसके कारण निम्न है।

  • ओस्टियोआर्थराइटिस
  • रूमेटाइड
  • गठिया
  • गाउट
  • टेडीनाइटिस
  • बरसाइटीस
  • चोट आदि

जोड़ों का दर्द कैसा लगता है

जोड़ों का दर्द विभिन्न कारणों से हो सकता है। उनमें से कुछ में एक विशिष्ट प्रकार का घटिया शामिल हो सकता है। जिसमें जोड़ों की सूजन से दर्द होता है। जबकि फाइब्रोमलयागिया और अंडरएक्टिव थायराइड अन्य कारण है। जो सूजन से जुड़े नही होते है। विशिष्ट कारण के आधार पर जोड़ों के दर्द की प्रकृति विभिन्न हो सकती है। कुछ मामलों में हल्के से लेकर गंभीर और जलन के प्रकार का दर्द होता है l। या फिर तेज और चुभन के रूप में महसूस किया जा सकता है। दर्द के साथ होने वाले अन्य लक्षण में जोड़ों के सूजन में जकड़न प्रभावित लालिमा और गर्मी और शरीर के समान लक्षण होते हैं। बुखार आना थकान आना, वजन कम होना आदि

जोड़ों के दर्द के लिए कौन सी विटामिन अच्छे हैं

कुछ विटामिन का नियमित सेवन संयुक्त स्वास्थ्य के लिए सकारात्मक परिणामों से जुड़ा है। जोड़ों की समस्या वाले लोगों को अपने जोड़ों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए इन विटामिन का अधिक सेवन करना चाहिए।

विटामिन ए : हड्डियों को स्वस्थ रखता है।

विटामिन बी : होमोसिस्टाइन को कम करता है जो रूमेटाइड अर्थराइटिस के जोखिम से जुड़ा है।

विटामिन B2: सामान्य कोशिका कार्य का समर्थन करता है। और मुक्त कणों से लड़ता है।

विटामिन B3: सूजन से लड़ता है।

विटामिन B6: सूजन कम करता है।

विटामिनC: मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से बचाता है। वह तक के स्वास्थ्य और घाव को ठीक करने में मदद करता है।

विटामिन D: कैल्शियम के अवशोषण का समर्थन करता है। और सूजन से लड़ता है हर से हड्डियां भी मौजूद होती हैं।

विटामिन K: हड्डियों को नुकसान के जोखिम को कम करता है।

जिंक : घाव भरने में मदद करता है।

जोड़ों के दर्द में क्या खाना चाहिए क्या नहीं

कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ है। जो जोड़ों में सूजन और दर्द की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए जाने जाते हैं। यह ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जिन्हें जोड़ों के मरीज को सेवन नहीं करना चाहिए।

  • तला हुआ खाद्य पदार्थ, शुगर ,रिफाइंड ,डेरी ,तंबाकू शराब , सिगरेट ,मक्के का तेल आदि
  • जोड़ों के दर्द में क्या खाना चाहिए
  • गठिया या जोड़ों के दर्द के नियंत्रण और वंदन में खाद्य पदार्थ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • ओमेगा 3 फैटी एसिड युक्त खाद्य पदार्थ
  • अखरोट
  • अलसी के बीज
  • छिया
  • बादाम
  • सब्जियां पत्तेदार सब्जियां
  • फूल गोभी
  • पत्ता गोभी
  • ब्रोकली
  • बींस के साथ दाल
  • अदरक ,लहसुन जैसे जड़ी बूटियों
  • मसाले, साबुदाना, अनाज
  • साथ ही इन फलों का सेवन करना चाहिए ।स्ट्रॉबेरी, स्टार्ट चेरी ,एवोकाडो , अनानाश, तरबूज , लाल रसभरी,अंगूर आदि।

जोड़ों के दर्द दूर करने के लिए घरेलू उपाय

जोड़ों के दर्द को इलाज के लिए घरेलू उपचारों का सहारा लिया जा सकता है जो निम्न है।

  • अधिकांश मांसपेशियों और हड्डियों के दर्द से निपटने के लिए गर्म और ठंडे कंप्रेस का उपयोग करना एक सामान्य तरीका है। और यह जोड़ों के दर्द के लिए भी काम कर सकता है।
  • मालिश के दौरान सूजन रोधी गुण वाले आवश्यक तेल या बांधने से भी जोड़ों के दर्द में मदद मिलती है।
  • आवश्यक तेल ,मेहंदी का तेल, पिपरमेंट का तेल ,क्लैरी सेज आवश्यक तेल , लैवेंडर का तेल जैसे तेलों का उपयोग कर सकते हैं। जोड़ों की जगह पर मालिश करने से राहत मिलती है।
  • इसके अलावा हर्बल सप्लीमेंट्स का उपयोग करने से आपको जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है।
  • नियमित मालिश का समय निर्धारित होना चाहिए।
  • जोड़ों के दर्द में अधिक ठंडा पानी पीने से बचें।
  • जोड़ों के दर्द के लिए थोड़ा गुनगुना पानी ही काफी है।

निष्कर्ष

जोड़ों का दर्द कोई सामान्य दर्द नही है। जोड़ों का दर्द पुरुष, महिला , बच्चे किसी को भी किसी भी अवस्था में हो सकता है। जोड़ों का दर्द किसी भी मौसम में हो सकता है। वैसे ज्यादातर जोड़ो का दर्द ठंड के मौसम में अधिक होता है। आप जोड़ों के दर्द में इलाज के लिए आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक, एलोपैथिक कोई भी इलाज करा सकते हैं। साथ ही आप घरेलू इलाज कर इससे छुटकारा पा सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप बताए गए आर्टिकल को पढ़ना मत भूलें।

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